अक्टूबर-जनवरी में डॉलर के मुकाबले रुपये में 3.3% गिरावट, लेकिन अन्य एशियाई करेंसी से मजबूत: वित्त राज्य मंत्री

Feb 12, 2025 IDOPRESS

Rupee vs Dollar: बीते दिन मंगलवार को रुपये में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली. डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे मजबूत होकर 86.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ.

नई दिल्ली:

Dollar vs Rupee Exchange Rate :भारतीय रुपये में अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 3.3% की गिरावट आई है,लेकिन यह अन्य प्रमुख एशियाई करेंसी की तुलना में बेहतर स्थिति में है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी. इस दौरान कई अन्य एशियाई करेंसी रुपये से ज्यादा कमजोर हुईं.

उन्होंने बताया कि इस अवधि में अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 7% चढ़ा,जिससे दुनियाभर की करेंसी पर दबाव बढ़ा. इसके बावजूद भारतीय रुपये ने दक्षिण कोरियाई वोन (8.1% गिरावट) और इंडोनेशियाई रुपये (6.9% गिरावट) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया.

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का असर

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि रुपये पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा,अमेरिका और भारत के बीच ब्याज दरों में घटते अंतर की वजह से भी रुपये पर दबाव बना हुआ है.

जी-10 देशों की करेंसी पर भी असर देखने को मिला. यूरो में 6.7% और ब्रिटिश पाउंड में 7.2% की गिरावट दर्ज की गई,जिससे साफ है कि डॉलर की मजबूती वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाल रही है.

रुपये की ऐतिहासिक रिकवरी,एक दिन में 66 पैसे मजबूत

मंगलवार को रुपये में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली. डॉलर के मुकाबले रुपया 66 पैसे मजबूत होकर 86.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. यह हाल के वर्षों में रुपये की एक दिन की सबसे बड़ी मजबूती है. विदेशी मुद्रा कारोबारियों के मुताबिक,सोमवार को रुपया 88 के करीब पहुंचा था,लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संभावित हस्तक्षेप के बाद इसमें जबरदस्त सुधार देखने को मिला.

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 87.45 पर खुला और कारोबार के दौरान 86.61 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया. यह सुधार भारतीय करेंसी की स्थिरता को दर्शाता है.

आरबीआई के हस्तक्षेप से बाजार में स्थिरता

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक की रणनीति ने रुपये को बड़ा सहारा दिया. रुपये में आई लगभग 1% की तेजी बीते दो वर्षों में एक सत्र में सबसे बड़ी बढ़त रही.रुपये में यह मजबूती बताती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लचीलापन है और नीतिगत हस्तक्षेप से बाजार को स्थिर रखा जा सकता है.

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