प्रतीकात्मक तस्वीर.
अदन:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक यमन विश्व स्तर पर हैजा से सबसे अधिक प्रभावित है. डब्ल्यूएचओ ने सोमवार को एक बयान में बताया कि साल 2024 में 1 दिसंबर तक यमन में हैजा के संदिग्ध मामले 2,49,900 और इससे संबंधित मौत का आंकड़ा 861 दर्ज किया गया. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नवीनतम आंकड़े साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाते हैं,नवंबर 2024 में रिपोर्ट किए गए मामलों और मौतों की संख्या में 2023 की इसी अवधि की तुलना में क्रमशः 37 और 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
यमन में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि और मिशन के प्रमुख आर्टुरो पेसिगन के हवाले से कहा गया कि हैजा और तीव्र जलीय दस्त जैसी जलजनित बीमारियों का प्रकोप पहले से ही स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त बोझ डालता है,जो कई बीमारियों के प्रकोप का सामना कर रही है.
पेसिगन ने कहा कि सुरक्षित पेयजल की कमी,अपर्याप्त स्वच्छता और समय पर चिकित्सा उपचार की खराब पहुंच संकट को बढ़ा रही है.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार,यमन में हैजा का संक्रमण वर्षों से जारी है. साल 2017 से 2020 के बीच हैजा का प्रकोप बढ़ा है.
प्रयासों के बावजूद,बिगड़ती मानवीय स्थिति,साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच,युद्ध से तबाह अरब देश में बीमारी के फिर से उभरने को बढ़ावा दे रही है,जो 2014 के अंत से एक लंबे संघर्ष में उलझा हुआ है.
हैजा बैक्टीरिया विब्रियो कोलेरा के कुछ उपभेदों द्वारा छोटी आंत का एक जीवाणु संक्रमण है,जो गंभीर दस्त का कारण बनता है और अगर इलाज न किया जाए तो घातक हो सकता है.
हमारी क्यूरेट की गई सामग्री का अन्वेषण करें, ग्राउंडब्रेकिंग नवाचारों के बारे में सूचित रहें, और विज्ञान और तकनीक के भविष्य में यात्रा करें।
© प्रौद्योगिकी सुर्खियाँ
गोपनीयता नीति