जीवविज्ञान

भारत ने अप्रैल-मई में 123 मिलियन डॉलर का गैर-बासमती चावल किया निर्यात

Aug 8, 2024 IDOPRESS

Rice Export Ban: गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई,2023 से बंद है.

नई दिल्ली:

भारत की ओर से चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में 122.7 मिलियन डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. सरकार की ओर से उत्पादन और उपलब्धता को नजदीक से मॉनिटर किया जा रहा है. वाणिज्य और इंडस्ट्री राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक,वित्त वर्ष 2023-24 के बीच भारत की ओर से 852.53 मिलियन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया है. यह वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में 2 अरब डॉलर और 2.2 अरब डॉलर था.

गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई,2023 से बंद

उन्होंने आगे कहा कि गैर-बासमती चावल का निर्यात 20 जुलाई,2023 से बंद है. सरकार की अनुमति के बाद ही खाद्य सुरक्षा को देखते हुए केवल मित्र देशों को ही गैर-बासमती चावल का निर्यात किया जाता है.

भारत की ओर से मालदीव को 1,24,218.36 मीट्रिक टन,मॉरीशस को 14,000 मीट्रिक टन,मलावी को 1,जिम्बाब्वे को 1,000 मीट्रिक टन और नामीबिया को 1,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया है.

2023-24 में भारत ने इन देशों को गैर-बासमती चावल किया निर्यात

वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 17 देशों को निर्यात किया था. इसमें भूटान को 79,सिंगापुर को 50,संयुक्त अरब अमीरात को 75,नेपाल को 95,कैमरून को 1,90,कोटे डी आइवर को 1,42,गिनी को 1,और मलेशिया को 1,70,000 मीट्रिक टन का निर्यात किया गया था.

इसके अलावा अन्य देश जैसे फिलीपींस को 2,95,सेशेल्स को 800 मीट्रिक टन,कोमोरोस को 20,मेडागास्कर को 50,इक्वेटोरियल गिनी को 10,मिस्र को 60,केन्या को 1,00,000 मीट्रिक टन और तंजानिया को 30,000 मीट्रिक टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया गया था.

सरकार ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म करेगी शुरू

एक अन्य सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रेड कनेक्ट ई प्लेटफॉर्म बनाने की शुरुआत की गई है. इसका उद्देश्य भारतीय निर्यातकों,एमएसएमई,उद्योगपतियों,विदेशों में भारतीय मिशन,निर्यात प्रमोशन काउंसिल और अन्य सरकारी एजेंसियों को आपस में जोड़ना है.इस प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया भर में होने वाले ट्रेड इवेंट की जानकारी पक्षकारों को उपलब्ध कराई जाएगी.

निर्यात को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं कदम

भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसमें प्री और पोस्ट शिपमेंट के लिए रुपये एक्सपोर्ट क्रेडिट पर इंटरेस्ट इक्वलाइजेशन स्कीम को 31 अगस्त,2024 तक बढ़ाना और 2,500 करोड़ रुपये आवंटित करना शामिल है.

इसके अलावा निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से कई स्कीम जैसे ट्रेड इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस) और मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) स्कीम चलाई जा रही है.साथ ही अधिक श्रम की खपत वाले निर्यात को बढ़ाने के लिए सरकार 2019 से राज्य और केंद्रीय करों व लेवी में छूट योजना चलाई जा रही है.


प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, और बहुत कुछ के दायरे में अत्याधुनिक समाचार के लिए आपका प्रमुख स्रोत। Arinstar के साथ तकनीक के भविष्य का अन्वेषण करें! सूचित रहें, प्रेरित रहें!

त्वरित खोज

हमारी क्यूरेट की गई सामग्री का अन्वेषण करें, ग्राउंडब्रेकिंग नवाचारों के बारे में सूचित रहें, और विज्ञान और तकनीक के भविष्य में यात्रा करें।

© प्रौद्योगिकी सुर्खियाँ

गोपनीयता नीति