नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (फाइल फोटो).
काठमांडू:
नेपाल (Nepal) के नवनियुक्त प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने रविवार को संसद में आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया. दो तिहाई से अधिक सांसदों ने उनके पक्ष में मतदान किया. लगभग एक सप्ताह पहले ही उन्होंने देश में एक और गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए पद की शपथ ली थी.
ओली द्वारा पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 188 मत जबकि इसके खिलाफ 74 मत पड़े. प्रतिनिधि सभा के कुल 263 उपस्थित सदस्यों में से एक सदस्य ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. सरकार बनाने के लिए नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 सदस्यों का समर्थन आवश्यक होता है.
प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष देव राज घिमिरे ने मतों की गिनती के बाद घोषणा की कि प्रधानमंत्री ओली (72) ने निचले सदन में विश्वास मत हासिल कर लिया है.
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही प्रधानमंत्री ओली ने सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश किया. अध्यक्ष घिमिरे ने सदन के सदस्यों और सत्तारूढ़ तथा विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों को प्रस्ताव पर चर्चा के लिए लगभग दो घंटे का समय दिया. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री को सदन के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने के लिए समय आवंटित किया. प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद मतदान प्रक्रिया शुरू हुई.
प्रतिनिधि सभा के सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए ओली ने कहा,‘‘मैं भ्रष्टाचार में शामिल नहीं था और न ही कभी होऊंगा और यदि कोई ऐसा करता है,तो मैं उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा.''
सत्तारूढ़ गठबंधन नेपाली कांग्रेस,सीपीएन-यूएमएल,लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल के सदस्य उन लोगों में शामिल थे,जिन्होंने ओली के विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया.
विपक्षी दलों सीपीएन-माओवादी केंद्र,सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट,राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी समेत अन्य ने विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान ओली के खिलाफ मतदान किया.
नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष को पिछले रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस (एनसी) तथा अन्य छोटी पार्टियां भी गठबंधन सरकार में शामिल हैं.
ओली ने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड' का स्थान लिया है,जो पिछले सप्ताह विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए थे,जिसके परिणामस्वरूप नई सरकार का गठन हुआ.
वामपंथी नेता के सोमवार को शपथ ग्रहण करने के कुछ ही घंटों के भीतर तीन अधिवक्ताओं ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर करके दलील दी थी कि ओली की नियुक्ति असंवैधानिक है.
नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है. पिछले 16 वर्षों में देश में 14 सरकारें बनी हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
हमारी क्यूरेट की गई सामग्री का अन्वेषण करें, ग्राउंडब्रेकिंग नवाचारों के बारे में सूचित रहें, और विज्ञान और तकनीक के भविष्य में यात्रा करें।
© प्रौद्योगिकी सुर्खियाँ
गोपनीयता नीति