बांग्लादेश में नौकरियों में कोटा सिस्टम के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किए जा रहे थे.
नई दिल्ली:
सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए कोटा व्यवस्था के खिलाफ बांग्लादेश (Bangladesh) में भड़की विरोध प्रदर्शनों (Protests) की आग अब शांत होने की उम्मीद है. बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सिविल सेवा में भर्ती के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों का कोटा (आरक्षण) 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश खारिज करते हुए निर्देश दिया है कि 93 फीसदी सरकारी नौकरियां योग्यता के आधार पर सभी उम्मीदवारों के लिए खुली होनी चाहिए. इससे पहले हाईकोर्ट ने कुल आरक्षण 56 प्रतिशत करने का आदेश दिया था,जिसमें 30 प्रतिशत आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के वंशंजों के लिए था.
बांग्लादेश में विवादास्पद सिविल सेवा भर्ती नियमों के विरोध में एक जुलाई से युवा छात्रों के हिंसक प्रदर्शन जारी थे. इनमें सौ से अधिक लोगों की मौत हुई. बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने सन 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के सेनानियों के पोते-पोतियों के कोटे की सीमा 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने 93 प्रतिशत लोगों को योग्यता के आधार पर नौकरियों में भर्ती करने को कहा.
सुप्रीम कोर्ट का रविवार को आया यह फैसला कई सप्ताह से चल रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के बाद आया. देश में तनाव तब चरम पर पहुंच गया जब प्रदर्शनकारियों और कथित रूप से अवामी लीग से जुड़े गुटों के बीच झड़पें हुईं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने सख्ती से बल प्रयोग किया.
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