लैंसेट रिपोर्ट ने बढ़ाई भारतीयों की टेंशन. (प्रतीकात्मक फोटो)
सबसे पहले सुनो मियां,करके वर्जिश बनो जवां,चेहरा पॉलिश किया करो,थोड़ी मालिश किया करो. स्टाइल से उठे कदम,सीना ज्यादा तो पेट कम,ऐ किबला,उजले बालों को रंग डालो,बन जाओ गुलफ़ाम,बड़े मियां दीवाने...योगा और एक्सरसाइज करने से तन और मन दोनों ही जवां रहते हैं. यही वजह है कि हर उम्र के लोगों को वर्जिश करने की सलाह दी जाती है. लेकिन इस बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है,जिसने भारतीयों की टेंशन बढ़ा दी है.योगा और एक्सरसाइज (Exercise) से शरीर चुस्त,दुरुस्त और तंदुरुस्त रहता है. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में तन और मन दोनों को दुरुस्त रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है.
शारीरिक गतिविधियों की अहमियत बताने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने साल 2019 में फिट इंडिया कैंपेन भी लॉन्च किया था. इसके बावजूद भी साल 2022 में भारत में 50 प्रतिशत वयस्क फिजिकली एक्टिव नहीं थे,ये दावा लैंसेट की हाल ही में आई एक स्टडी में किया गया है. 50 प्रतिशत के करीब भारतीय वयस्क शारीरिक रूप से अनफिट (Physically Unfit) हैं और WHO के दिशानिर्देशों को पूरा नहीं करते हैं.
लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक,साल 2000 से 2022 के बीच 197 देशों के लोगों पर स्टडी की गई थी. जिसमें पाया गया कि साल 2022 में 52.6 प्रतिशत महिलाएं और 38.4 प्रतिशत पुरुष शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं थे.लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित नए आंकड़ों के अनुसार,42 प्रतिशत पुरुष की तुलना में 57 प्रतिशत ज्यादा महिलाएं शारीरिक रूप से इनएक्टिव हैं. सबसे चिंता की बात यह है कि भारतीय वयस्कों में फिजिकली इनएक्टिव होना साल 2000 में 22.3 प्रतिशत से तेजी से बढ़कर 2022 में 49.4 प्रतिशत पहुंच गया. इसका मतलब यह है कि हमारी आबादी का 60 प्रतिशत हिस्सा 2030 तक शारीरिक रूप से निष्करिय हो जाएगा. सही तरीके से शारीरिक गतिविधि नहीं होने की वजह से उसमें बीमारी का खतरा भी बढ़ेगा.
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