मुंबई हमलों में तहव्वुर की भूमिका कैसे हुई उजागर.
मुंबई:
मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों की साजिश तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) ने अन्य लोगों संग मिलकर भी रची थी. उसकी इस साजिश का खुलासा उसके बचपन के दोस्त और आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी डेविड कोलमैन हेडली (David Coleman Headley) की गवाही से हुआ. साल 2016 में,हेडली अमेरिका की अज्ञात जगह से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष पेश हुआ. उसने विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम और बचाव पक्ष के वकील एडवोकेट वहाब खान के सवालों के जवाब देते हुए एक-एक बात का खुलासा किया. हेडली ने खुलासा किया कि वह तहव्वुर राणा के साथ लगातार संपर्क में था.
हेडली ने उज्ज्वल निकम के सवालों का जवाब देते हुए बताया था कि उसने तहव्वुर संग मिल कैसे 26/11 मुंबई हमलों की योजना बनाई गई और उसे अंजाम दिया. हेडली के इसी बयान ने इन हमलों में तहव्वुर की भूमिका को साफ कर दिया. इसके बाद सवालों की कोई गुंजाइश नहीं बची.
हेडली ने अदालत को बताया था कि उसने और लश्कर के दो सदस्यों ने अपनी आतंकी गतिविधि को छिपाने के लिए मुंबई में इमीग्रेशन ऑफिस खोलने पर भी चर्चा की. उसने शिकागो जाकर अपने बचपन के दोस्त राणा को अपने मंसूबों के बारे में बताया और उससे इस बारे में सलाह मांगी,क्यों कि राणा शिकागो और अन्य जगहों पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम की कंपनी चलाता था. उसने राणा ने मुंबई में भी इमिग्रेशन दफ्तर खोलने की इजाजत राणा से मांगी.
हेडली ने बताया कि लश्कर ने मुंबई में हमले की योजना बनाई. नवंबर 2008 में मुंबई पर हमला करने वाले दस आतंकवादियों के उसी गुट ने उसी साल सितंबर और अक्टूबर में भी हमले की कोशिश की थी,लेकिन वे सफल नहीं हो सके. डेविड हेडली ने ये भी बताया कि वह हमलों से पहले 8 बार और उसके बाद एक बार भारत आया था. उसने साइट्स की रिसर्च में दो साल लगाए. वह मुंबई के बंदरगाह के चारों तरफ नाव से घूमा और उसने बॉलीवुड स्टार से भी दोस्ती की.
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