नई दिल्ली:
अगर आप न्यूजीलैंड में रहना और काम करना चाहते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल न्यूजीलैंड ने अपने 'गोल्डन वीजा' से जुड़े नियमों में बदलाव कर आसान बनाया है. इस वीजा को हासिल करने के लिए अंग्रेजी ज्ञान की अनिवार्य शर्त को खत्म कर दिया गया है. दसअसल इसका उद्देश्य अमीर लोगों को आकर्षित करना है.न्यूजीलैंड को उम्मीद है कि इससे उसकी अर्थव्यस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.
ये बदलाव एक अप्रैल से लागू होंगे. एक्टिव इनवेस्टर प्लस वीजा को दो श्रेणियों में पुनर्गठित किया गया है. इस कैटेगरी के वीजा के लिए निवेश के दायरे को और बढ़ा दिया जाएगा. इसकी जानकारी रविवार को न्यूजीलैंड के प्रवासी मामलों के मंत्री एरिक स्टैनफोर्ड ने ऑकलैंड में दी. उन्होंने बताया कि अंग्रेजी भाषा जानने की अनिवार्यता को हटाने के अलावा निवेशकों द्वारा देश में बिताए जाने वाले अनिवार्य दिनों की संख्या को भी समायोजित किया गया है.
संतुलित या मिश्रित जोखिम वाला वीजी. इस श्रेणी के वीजा के लिए पांच साल में कम से कम 10 मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर के निवेश की जरूरत होगी. यह निवेश बांड,स्टॉक,नई संपत्तियों के विकास या मौजूदा वाणिज्यिक और औद्योगिक संपत्ति में करना होगा. इस श्रेणी के वीजा धारक को न्यूजीलैंड कम से कम 105 दिन बिताने होंगे. इसमें खास बात यह होगी कि निवेश बढ़ने पर न्यूजीलैंड में रहने के दिनों की संख्या कम होती जाएगी.
दी एक्टिव इंवेस्टर्स प्लस वीजा इससे पहले अमीर लोगों को आकर्षित करने में सफल रहा था. इससे हर साल औसतन एक अरब न्यूजीलैंड डॉलर (570 मिलियन डॉलर) का निवेश हुआ. लेकिन 2022 में नियमों में बदलाव की वजह से लोगों ने इसमें रुचि लेना कम कर दिया. उसके बाद से अबतक केवल इस वीजा के केवल 43 आवेदन ही अप्रूव किए गए हैं. इमिग्रेशन न्यूजीलैंड के मुताबिक इस वजह से अबतक केवल 545 मिलियन न्यूजीलैंड डॉलर का ही निवेश आया है. सरकार का कहना है कि देश में ट्रांसफर की गई रकम इससे भी कम है.
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