पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर कभी नहीं चाहेंगे कि इमरान खान की रिहाई हो.
जब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी थी और नतीजे आने थे उससे पहले मिले रुझानों के साथ दुनिया भर में हलचल शुरू हो गई थी लेकिन पाकिस्तान (Pakistan) में राजनीतिक भविष्य को लेकर अलग ही सुगबुगाहट चलने लगी थी. पहले अमेरिका के चुनाव (US Elections) रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को बढ़त मिलती दिखी और फिर नतीजे भी रुझानों की पुष्टि करने वाले आए. ट्रंप के दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पाकिस्तान में उठापटक शुरू हो गई है. इसी बीच पाकिस्तान में सत्ता की चाबी अपने पास रखने वाली सेना (Pakistan Army) के प्रमुख जनरल असीम मुनीर का कार्यकाल बढ़ा दिया गया और वे अचानक सऊदी अरब पहुंचे और वहां के प्रिंस से मुलाकात कर ली. डोनाल्ड ट्रंप,इमरान खान,पाकिस्तानी सेना और सत्ताधारी पीपीपी को जोड़कर देखें तो मौजूदा स्थितियों में बनने वाले समीकरण पाकिस्तान की राजनीति को नई दिशा में ले जा सकते हैं.
पाकिस्तान की मौजूदा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेतृत्व वाली शहबाज सरकार ट्रंप के सत्तासीन होने से असहज हो गई है और उनकी प्रतिद्वंदी इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के हौसले बुलंद हो गए हैं. माना जाता है कि ट्रंप की जीत ने पीपीपी को भयभीत कर दिया है. इस डर का कारण इमरान खान और डोनाल्ड ट्रंप के आपसी संबंध हैं. पाकिस्तान में पीटीआई के कार्यकर्ता और समर्थक नतीजे आने से पहले ट्रंप की जीत के लिए दुआ कर रहे थे. सन 2019 में जब इमरान खान प्रधानमंत्री थे तब उनके डोनाल्ड ट्रंप से अच्छे संबंध बन गए थे. वे संबंध आज भी कायम हैं.
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जनरल मुनीर ने सऊदी प्रिंस के साथ बैठक की.
जब बात खुल गई तो पाकिस्तानी सेना ने एक वक्तव्य जारी करके इसकी पुष्टि कर दी. सऊदी अरब ने कहा कि दोनों की बैठक में सेना और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत हुई. हालांकि माना जाता है कि मुनीर भयभीत हैं और वे सऊदी अरब से अपने लिए समर्थन हासिल करने के लिए गए थे.
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पाकिस्तान भारी कर्ज के बोझ से दबा हुआ है. उसे बार-बार अलग-अलग एजेंसियों,देशों के सामने मदद के लिए गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधर नहीं रही है. पाकिस्तान पर अमेरिका के भी भारी कर्ज का बोझ है. ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पाकिस्तान की मौजूदा सरकार और मदद या राहत की उम्मीद नहीं कर सकती.
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