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बजट में दिल्ली का नहीं हुआ 'इंक्रिमेंट'! जानिए 1168 करोड़ मिलने से क्यों खफा आतिशी

Jul 24, 2024 IDOPRESS

मोदी सरकार के बजट में दिल्ली की जनता को मिला 'जीरो' : आतिशी

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली की केजरीवाल सरकार को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट पसंद नहीं आया. आम आदमी पार्टी की मंत्री आतिशी इस बजट को देखकर केंद्र की मोदी सरकार पर भड़क उठीं. इसके बाद आतिशी ने केंद्र की सरकार पर दिल्‍ली से भेदभाव करने समेत कई आरोप जड़ दिये. उनका कहना है कि मोदी सरकार के बजट में दिल्‍ली की जनता को 'जीरो' मिला है. बजट में दिल्ली के साथ फिर धोखा हुआ है,केंद्रीय करों के उसके हिस्से के रूप में एक पैसा नहीं दिया गया है. क्‍या बजट में वाकई दिल्ली का 'इंक्रिमेंट' नहीं हुआ है! हालांकि,ये भी जान लीजिए कि बजट में दिल्‍ली को 1168 करोड़ मिले हैं... आइए आपको बताते हैं फिर क्यों खफा आतिशी!

दिल्ली के लिए बजट में 'जीरो' मिला

आम बजट पर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली के लिए बजट में 'जीरो' मिला है. दिल्ली के लोगों की केंद्र सरकार से मांग थी कि उनके टैक्स के रूप में दिए जाने वाले पैसे का पांच प्रतिशत हिस्सा उन्हें मिलना चाहिए,लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली वालों की मांग पूरी नहीं की है. शेयर इन सेंट्रल टैक्स में दिल्ली को एक भी रुपये नहीं मिला है. आतिशी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकल बॉडी को आर्थिक सहायता देती है,उसी तरह दिल्ली के लोग भी अपने टैक्स का पांच प्रतिशत हिस्सा एमसीडी को देने की मांग कर रहे थे,लेकिन केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया है. इस बजट में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये देश के विभिन्न राज्यों को दिए गए हैं. लेकिन,दिल्लीवालों को इसमें से एक रुपया भी नहीं मिला है. देश की विभिन्न लोकल बॉडी को 82,207 करोड़ रुपये दिए गए हैं. लेकिन,दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को एक रुपया नहीं मिला है.

बजट में दिल्ली के साथ फिर धोखा

आतिशी ने कहा कि दिल्ली ने केंद्र को पिछले साल 2 लाख 7 हजार करोड़ रुपए इनकम टैक्स और 25 हजार करोड़ रुपये सीजीएसटी के रूप में दिए. कुल मिलाकर 2 लाख 32 हजार करोड़ के टैक्स दिल्ली के लोगों ने केंद्र सरकार को दिए. इसके बावजूद दिल्ली को इस बजट में कुछ नहीं दिया गया है. पिछले 11 वर्षों में बीजेपी की केंद्र सरकार ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया. दिल्ली वाले हर वर्ष अरविंद केजरीवाल की सरकार को 40 हजार करोड़ का टैक्स देते हैं. इस 40 हजार करोड़ के टैक्स से केजरीवाल सरकार दिल्ली वालों को बेहतरीन सरकारी स्कूल,मोहल्ला क्लीनिक,24 घंटे मुफ्त बिजली और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा समेत कई सुविधाएं देती है.

केंद्रीय करों के उसके हिस्से के रूप में एक पैसा नहीं दिया

दिल्‍ली की मंत्री ने कहा कि दिल्ली के ही लोग भाजपा शासित केंद्र सरकार को हर साल 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में देते हैं. लेकिन,केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों को कुछ नहीं देती है. केंद्र की भाजपा सरकार ने पिछले 11 वर्षों में दिल्ली के लिए एक भी काम नहीं किया है. केंद्र सरकार का यह बजट देश के लोगों के लिए नहीं,बल्कि अपनी सरकार बचाने के लिए है. युवाओं को रोजगार देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. महंगाई कम करने के लिए कोई योजना नहीं है. सेना में अग्निवीर योजना की तरह ही अब ये लोग इंटर्नशिप योजना लेकर आए हैं.

हेल्‍थ सेक्‍टर का बजट घटा!

आतिशी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने हेल्थ सेक्टर का बजट घटा दिया है. पिछले साल 1.98 प्रतिशत स्वास्थ्य के लिए था. इस बार ये घटकर 1.85 प्रतिशत हो गया है. आयुष्मान भारत का कुल बजट ही मात्र 7 हजार करोड़ है,जबकि दिल्ली जैसे छोटे राज्य का हेल्थ बजट 9 हजार करोड़ रुपए है. इन आंकड़ों से साफ दिखता है कि केंद्र सरकार का देश और जनता के लिए काम करने का कोई इरादा नहीं है.

बजट में केंद्र के अस्‍पतालों को क्‍या मिला...

अस्‍पताल2023-242024-25एम्‍स दिल्‍ली4,278 करोड़4,523करोड़सफदरजंग अस्‍पताल1,933करोड़1,874करोड़आरएमएल हॉस्पिटल1,304करोड़1,610करोड़लेडी हार्डिंग अस्‍पताल625करोड़750करोड़कलावती सरन अस्‍पताल167करोड़180करोड़

जानें बजट में दिल्‍ली को क्‍या मिला...?

बजट दस्तावेज से पता चलता है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से दिल्ली को हस्तांतरित राशि में राजस्व मद में 1,168 करोड़ रुपये और पूंजी मद में 0.01 करोड़ रुपये शामिल हैं.साल 2022-23 के बजट में दिल्ली को 960 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे,जो 2023-24 में बढ़कर 1,168.01 करोड़ रुपये हो गई और 2024-25 में भी यह समान रही.दिल्ली के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों में उसके हिस्से के बदले कोई अनुदान नहीं था. वर्ष 2022-23 के बजट में यह 325 करोड़ रुपये था.केंद्रीय करों और शुल्कों के मद में दिल्ली के हिस्से के बदले अनुदान की राशि को 2023-24 के बजट अनुमानों में 'केंद्र शासित प्रदेशों को केंद्रीय सहायता' में शामिल किया गया था. वर्ष 2024-25 के बजट में भी यही प्रथा अपनाई गई.वित्त वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों में दिल्ली को केंद्रीय सहायता के तहत 951 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है,जो 2023-24 के बजट के समान है. यह दिल्ली सरकार की योजनाओं के वित्त-पोषण के लिए प्रदान किया जाता है.

इसके बावजूद आतिशी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास और नगर निगम के लिए 20,000 करोड़ रुपये की मांग की थी,जो उनके द्वारा करों के रूप में दिए गए 2.32 लाख करोड़ रुपये का 10 प्रतिशत है,लेकिन बजट में एक भी रुपया नहीं दिया गया.


(भाषा/आईएएनएस इनपुट के साथ...)

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