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नौकरियों और बुनियादी ढांचे को लेकर बजट की घोषणाओं पर शशि थरूर और जय पांडा के दावे

Jul 24, 2024 IDOPRESS

बजट पर शशि थरूर और जय पांडा ने रोचक बहस की.

इस साल के बजट में रोजगार और बुनियादी ढांचे पर केंद्र सरकार ने काफी फोकस किया है. बजट के बाद एनडीटीवी पर कांग्रेस के शशि थरूर और भाजपा के जय पांडा के बीच जोरदार बहस हुई. दोनों ने एकदम अलग-अलग दावे किए. पहली बार नौकरी करने वालों के लिए इंटर्नशिप और नौकरियों पर भारी दबाव की कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र से साहित्यिक चोरी कहकर आलोचना की है. पी. चिदम्बरम के बाद थरूर ने मोदी सरकार ने यह उसके घोषणा-पत्र से नकल कर बजट में जोड़ा है. थरूर ने कहा कि बजट में की गई घोषणा में कांग्रेस के वादे के मुकाबले कम दिया गया है.

रोजगार परशशि थरूर

शशि थरूर ने कहा,"हमने अप्रेंटिसशिप के लिए 1 लाख रुपये देने की बात की थी. जो लोगों को वास्तविक नौकरियों के लिए प्रशिक्षित करता है,जबकि यह केवल 60,000 रुपये प्रति वर्ष है और यह एक इंटर्नशिप है,जो एक सहायक की भूमिका है." उन्होंने कहा कि इसके अलावा,सरकार सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग कर रही है,जिसका उपयोग समाज के लिए किए जाने के बजाय कंपनी की अपनी लागत को कवर करने में हो रहा है.

रोजगार पर जय पांडा

भाजपा नेता जय पांडा ने टिप्पणी की कि कांग्रेस नेता केंद्र सरकार के विचारों का श्रेय ले रहे हैं. उन्होंने कहा,यह शशि थरूर का बजट की तारीफ करने का अपना तरीका. पांडा ने कहा,रोजगार भारत में एक सतत समस्या है,लेकिन सरकार ने इस पर नियंत्रण पा लिया है,जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से स्पष्ट है. उन्होंने कहा,अपने 10 साल के कार्यकाल में,यूपीए ने 29 मिलियन नौकरियां पैदा कीं,जबकि पिछले नौ वर्षों में नरेंद्र मोदी सरकार ने 125 मिलियन नौकरियां पैदा कीं.

बुनियादी ढांचे परशशि थरूर

यहां,थरूर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि यह आरबीआई की कमजोरी है कि उसने उस डेटा का समर्थन किया है. थरूर ने यह भी कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मनरेगा का उल्लेख तक नहीं किया. साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए आवंटन कम कर दिया है.बुनियादी ढांचे पर थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर छत गिरने,पांच पुलों के ढहने के उदाहरणों का हवाला देते हुए किए गए काम की गुणवत्ता पर सवाल उठाया. उन्होंने सवाल किया,''बुनियादी ढांचे का आवंटन क्या कर रहा है? अगर इससे देश को स्थायी लाभ नहीं मिल रहा है.''

बुनियादी ढांचे पर जय पांडा

पांडा ने बताया कि गिरने वाले बुनियादी ढांचे का अधिकांश हिस्सा यूपीए काल में बनाया गया था. इस साल सरकार ने पूंजीगत बुनियादी ढांचे पर रिकॉर्ड 11,11,111 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं,जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.4 प्रतिशत है. पिछले तीन वर्षों में,सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के तरीके के रूप में बुनियादी ढांचे पर खर्च दोगुना कर दिया है. सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में,दीर्घकालिक पूंजीगत व्यय 2019-20 में 1.7 प्रतिशत से बढ़कर चालू वर्ष में 3.4 प्रतिशत हो गया है.


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