पतंजलि के प्रतिबंधित प्रोडक्ट की बिक्री जारी
नई दिल्ली:
बॉम्बे हाई कोर्ट पतंजलि पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुकी है. वहीं पतंजलि की 14 दवाएं अभी भी देशभर में खुलेआम बेची जा रही है. दरअसल पतंजलि की 14 दवाओं की बिक्री प्रतिबंधित की गई है. लेकिन इसके बावजूद देश के अलग-अलग शहरों में ये दवाएं आसानी से मिल जा रही है. क्या देश की राजधानी में भी प्रतिबंधित दवाएं आसानी से मिल जा रही है. इसी सच की पड़ताल के लिए एनडीटीवी ने राजधानी में मौजूद पतंजलि के स्टोर पर जाकर इस मामले का पूरा सच जाना.
पतजंलि स्टोर में मिल रही है प्रतिबंधित दवाई
एनडीटीवी की टीम पतंजलि के ग्रीन पार्क में पहुंची. जहां प्रतिबंध के बावजूद भी दवाएं आसानी से मिल जा रही है. एनडीटीवी की टीम ने स्टोर में दो दवाओं की मांग की. ये दवाई है श्वासरि वटी और दृष्टि आई ड्रॉप. दोनों दवाई मांगने पर आसानी से दे दी गई और साथ में इसका बिल भी दिया गया. जबकि गौर करने वाली बात ये है कि ये दवा उन दवाओं में शामिल है,जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा स्टोर मेंबीपी ग्रिट,मधुग्रिट जैसी दवाइयां भी रखी हुई मिली,जो कि प्रतिबंधित की जा चुकी है.
प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर क्या बोले दुकानदार
इसके अलावा जंगपुरा के पतंजलि स्टोर भी एनडीटीवी की प्रतिबंधित दवाइयां एनडीटीवी को मिल गई. स्टोर वालों ने कहा कि हमारे पास दवाई आ रही है तो हम बेच रहे हैं. साथ ही कहा कि हमें प्रतिबंध के बारे में कुछ नहीं बताया गया. इसलिए पहले की तरह ही बिक्री हो रही है. कालकाजी के स्टोर में भी प्रतिबंधित दवा मिलने में कोई दिक्कत नहीं आई. यहां भी खरीदी गई प्रतिबंधित दवाओं के साथ बिल दिया गया. जबकि लाजपत नगर के स्टोर पर भी प्रतिबंधित दवाई मिल रही है.
पतंजलि की कौन-कौन सी दवा पर बैन
पतंजलि की दवाएं श्वासरि गोल्ड,श्वासरि वटी,ब्रोंकोम,श्वासरि प्रवाही,श्वासरि अवलेह,मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर,लिपिडोम,बीपी ग्रिट,मधुग्रिट,मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर,लिवामृत एडवांस,विवोग्रिट,आईग्रिट गोल्ड,पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप पर रोक लगी है.
पतंजलि की दवाओं के लाइसेंस निलंबित
इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ अदालत की अवमानना केस में यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि पतंजलि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर सभी भ्रामक विज्ञापनों को हटा ले. उत्तराखंड औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा जिन 14 दवाओं के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं,उनके विज्ञापन प्रसारित या प्रकाशित नहीं किए जा सकते.
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