भारतीय वायुसेना और आर्मी एविएशन कोर द्वारा संचालित प्रत्येक प्रचंड हेलीकॉप्टर एक पॉड में 48 रॉकेट माउंट कर सकता है...
अहमदाबाद:
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की खातिर अदाणी डिफ़ेंस एंड एयरोस्पेस ने थेल्स डिफेंस एंड सिक्योरिटी (Thales Defense and Security Inc.) के साथ एक पार्टनरशिप की है. थेल्स अमेरिका की एक एयरोस्पेस और डिफेंस कंपनी है. इस पार्टनरशिप के जरिए थेल्स के 70-मिमी लेसर-गाइडेड रॉकेट की मैन्युफैक्चरिंग भारत में की जाएगी.
70-मिमी रॉकेट,लॉन्चर और फ़ायरिंग कंट्रोल सिस्टम के निर्माण के मामले में थेल्स दुनिया में अग्रणी कंपनी है,और वह दुनियाभर में 80 लाख रॉकेट बेच चुकी है. सटीक लेसर गाइडेंस की बदौलत 70-मिमी रॉकेट कई मिशनों को मुमकिन बना देते हैं,जाम किए जाने की प्रक्रियाओं से बेअसर होते हैं और गोला-बारूद को टारगेट तक पहुंचाने में सबसे ज़्यादा सटीक होते हैं. चॉपर-माउंटेड या हेलीकॉप्टर-माउंटेड रॉकेट सिस्टम के लिए इन्हें बेहतरीन माना जाता है.
अदाणी डिफेंस ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (DAP) 2020 की इंडियन कैटेगरी की खरीद के तहत भारत में मैन्युफैक्चरिंग,असेंबली और टेस्टिंग स्थापित करने के लिए थेल्स के साथ पार्टनरशिप की है. ये भारत के लिए एक एक्सक्लूसिव पार्टनरशिप है. सूत्रों के मुताबिक,इससे प्रतियोगिता के आधार पर देश की सप्लाई चेन में निर्यात के मौके भी मिलेंगे.
PRESS RELEASE : @ThalesDefence and @AdaniDefence join hands
We are thrilled to announce our partnership with the Adani Group in India. We look forward to collaborate on the manufacturing of Thales' 70mm rockets in India. This partnership is a key milestone in our continued… pic.twitter.com/LAOZKNHxw4
— Alpha Defense™ (@alpha_defense) June 26,2024
थेल्स के 70-मिमी रॉकेटों को सटीक लेसर-गाइडेंस की मदद से हल्के बख्तरबंद वाहनों,एयर डिफ़ेंस इकाइयों,रडार साइटों और कम्युनिकेशन इकाइयों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया जा सकता है.
थेल्स ने अपनी सटीकता का प्रदर्शन करने के लिए स्वीडन में एयरबस एच145एम अटैक हेलीकॉप्टर पर 70-मिमी रॉकेट माउंट करने के बाद सटीक हमलाकरके दिखाया था. मिसाइल को 4.5 किलोमीटर की दूरी से दागा गया था और इसका डीविएशन (लक्ष्य से भटकना) एक मीटर से भी कम था. इन्हें शहरी इलाकों में कोलेटरल डैमेज को कम करने या जंग के मैदान में टैंकों और पैदल सेनाओं को नज़़दीकी हवाई मदद देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
भारत के हमलावर बेड़े में ध्रुव हेलीकॉप्टर का हमलावर संस्करण एचएएल रुद्र,लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड,अपाचे एएच-64 और एमआई-35 हेलीकॉप्टर शामिल हैं. भारतीय वायुसेना और आर्मी एविएशन कोर द्वारा संचालित प्रत्येक प्रचंड हेलीकॉप्टर एक पॉड में 48 रॉकेट माउंट कर सकता है.
थेल्स के 70 मिमी अनगाइडेड रॉकेट को ALH और लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों के वर्तमान बेड़े में तैनात किया गया है. ये रॉकेट दुनियाभर में जंग में मददगार साबित हुए हैं. भारतीय सशस्त्र बलों को अतीत में वैश्विक खरीद के तहत बड़ी मात्रा में इसकी सप्लाई की गई है.
गोला-बारूद के समान 70 मिमी रॉकेट की जरूरत बार-बार महसूस की जाती है. ये रॉकेट रोटरी विंग एसेट के लिए भारत की लड़ाकू क्षमताओं का मुख्य आधार साबित होगा. उन्होंने कहा कि इन रॉकेटों को ALH (WSI) और LCH कैटेगरी के हेलीकॉप्टरों में भी तैनात किया जाएगा.
70 मिमी के अनगाइडेड रॉकेट लॉन्चर पर बेस्ड हैं. इनमें से प्रत्येक को हेलीकॉप्टर के दोनों ओर फिट किया गया है. कुल 7,12 और 19 ट्यूब कॉन्फ़िगरेशन वाले रेडी-टू-फायर रॉकेट तैनात किए गए हैं. सूत्रों ने कहा कि अगली पीढ़ी के गाइडेड रॉकेट भी को-लैबोरेशन का हिस्सा हैं. ये इंडियन डिफेंस इकोसिस्टम को मजबूत करने में मदद करेंगे.स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड को वर्ष 2022 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था. यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर हवा से ज़मीन और हवा से हवा में मिसाइलें दाग सकता है और कॉम्बैट सर्च और रेस्क्यू (CSAR),दुश्मन की हवाई रक्षा को तबाह करने (DEAD) और आतंकवाद विरोधी (CI) अभियानों समेत कई काम कर सकता है.
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड को समुद्रतल से बहुत ज़्यादा ऊंचाई वाले बंकर-बस्टिंग ऑपरेशनों,जंगलों और शहरी माहौल में आतंकवाद विरोधी अभियानों के अलावा ज़मीनी फ़ौजों का साथ देने के लिए भी तैनात किया जा सकता है.जून माह की शुरुआत में अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस ने दुनिया के अग्रणी अत्याधुनिक तकनीक और रक्षा समूहों में से एक - संयुक्त अरब अमीरात के EDGE ग्रुप के साथ ऐतिहासिक समझौता किया था,जिसका उद्देश्य दोनों कंपनियों की रक्षा और एयरोस्पेस क्षमताओं का फ़ायदा उठाते हुए ग्लोबल प्लेटफ़ॉर्म बनाना है,ताकि उनके सभी उत्पादों को साथ लाया जा सके और ग्लोबल और स्थानीय ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके.
इस समझौते के तहत भारत और संयुक्त अरब अमीरात में आरएंडडी फैसिलिटी की स्थापना की संभावना को तलाशा जाएगा,और डिफ़ेंस और एयरोस्पेस सॉल्यूशनों के डेवलपमेंट,प्रोडक्शन और मैन्टेनैन्स फैसिलिटी की स्थापना की जाएगी,ताकि दो कैप्टिव बाज़ारों के साथ-साथ दक्षिण-पूर्व एशियाई और व्यापक ग्लोबल बाज़ार की ज़रूरतें भी पूरी की जा सकें.
(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited,an Adani Group Company.)
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