रूस-यूक्रेन युद्ध अपने चौथे साल में प्रवेश कर गया है. ऐसे में अब यूक्रेन को लगने लगा है कि वह वित्तीय और सैन्य मदद के लिए अमेरिका पर अब और भरोसा नहीं कर सकता है. उसकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत नजर आ रहे हैं. उसके थके हुए सैनिक लगातार दुश्मन के खिलाफ अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए भी यह युद्ध अच्छा नहीं रहा है. रूस की अर्थव्यवस्था में भी महंगाई के कारण नरमी के संकेत नजर आ रहे हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि अगर उनके इस्तीफे से देश में शांति आती है तो अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन को नैटो की सदस्यता के बदले भी अपना पद छोड़ने को तैयार हैं. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे पूछा गया था कि क्या शांति के लिए वो अपना पद छोड़ने को तैयार हैं. इस पर उन्होंने कहा,''अगर (इसका मतलब) यूक्रेन के लिए शांति है और अगर आप वास्तव में चाहते हैं कि मैं अपना पद छोड़ दूं,तो मैं तैयार हूं. " उन्होंने यह भी कहा कि वो नैटो की सदस्यता से अदला-बदली भी कर सकते हैं.
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की तीसरी बरसी पर लहराता यूक्रेन और यूरोपिय यूनियन का झंडा.
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अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन करने के लिए भेजे गए अरबों डॉलर को वापस मांग रहे हैं. वह यूक्रेन का रेयर अर्थ मेटल में हिस्सेदारी मांग रहे हैं. दरअसल अमेरिका यूक्रेन के साथ एक खनिज संसाधन समझौते पर बातचीत कर रहा है. ट्रंप अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन की ओर से यूक्रेन को दी गई युद्धकालीन मदद के मुआवजे के रूप में इसे चाहते हैं.इसके बदले में यूक्रेन अमेरिका के साथ किसी भी समझौते में सुरक्षा गारंटी को शामिल करना चाहता है,क्योंकि वह पिछले करीब तीन साल से रूसी आक्रमण झेल रहा है.
मास्को में युद्ध में मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन.
इस बीच ट्रंप प्रशासन ने रूस के साथ राजनयिक संबंधों को बहाल कर यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए उससे बातचीत शुरू की है. इस बातचीत में अबतक यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के मुताबिक रूस की जीडीपी युद्ध की शुरुआत में -1.3 फीसदी तक गिर गया था,लेकिन पिछले दो सालों में हर साल यह 3.6 फीसदी रहा है. लेकिन अब रूसी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत नजर आ रहे हैं. ब्याज की ऊंची दरों और महंगाई की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री और नए ऑर्डर में गिरावट देखी जा रही है. रूस के अर्थव्यवस्था मंत्री मैक्सिम रेशेतनिकोव ने हाल ही में कहा था,"नवंबर और विशेष रूप से दिसंबर के परिणामों के आधार पर,हम देख रहे हैं कि विकास थम गया है...कई उद्योगों में विकास की गति धीमी हो गई है,खासकर खाद्य उद्योग,रासायनिक उद्योग,लकड़ी उत्पादन और मशीन निर्माण के क्षेत्र में.विभिन्न व्यवसायों की ओर से मिलने वाले ऑर्डर में कमी देखी गई है.''
उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय मौद्रिक और राजकोषीय नीति को जोड़ने के लिए केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है.उनके हवाले से कहा गया है कि महंगाई पर अंकुश लगाने और आर्थिक विकास के बीच संतुलन की तलाश की जा रही है.
रूस यूक्रेन युद्ध का प्रभाव दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है.
ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2024 से जनवरी 2025 तक बिजली का आयात 123 गीगावाट ऑवर्स (जीडब्लूएच)से बढ़कर 183 जीडब्लूएच हो गया है. इस अवधि में निर्यात पांच जीडब्लूएच से बढ़कर 85 जीडब्लूएच हो गया है.
यूक्रेन के पास अगले 10 साल के लिए धातु का भंडार है. इनमें से कई दुर्लभ धातुएं हैं. कुछ लोगों का अनुमान है कि इनकी कीमत 11 ट्रिलियन डॉलर के करीब है.
इस युद्ध में मारे गए सैनिकों को राजधानी कीव में श्रद्धांजलि देता एक यूक्रेनी सैनिक.
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