शिमला:
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने मंडी सांसद कंगना रनौत के मनाली स्थित आवास के बिजली बिल संबंधित आरोपों पर जवाब दिया है. इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड ने बताया कि मनाली विद्युत उप-मंडल में कंगना रनौत के नाम पर उनके आवास सिमसा गांव में घरेलू उपभोक्ता संख्या 100000838073 का बिजली कनेक्शन रजिस्टर्ड है. साथ ही कहा कि उनके इस आवास का दो महीने की बकाया विद्युत खपत का बिजली बिल कुल 90 हजार 384 रुपये है. यह कहना गलत और भ्रामक है कि यह बिल एक महीने का है.
हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के एमडी संदीप कुमार ने बताया कि उनके आवास का कनेक्टिड लोड 94.82 किलोवाट है,जो एक सामान्य आवास के विद्युत लोड से 1500 प्रतिशत अधिक है.
उनके द्वारा प्रथम चरण में अक्तूबर से दिसम्बर तक के बिजली बिलों का भुगतान समय पर नहीं किया गया और इसी तरह जनवरी तथा फरवरी महीने के बिजली बिल भी समय पर नहीं दिए गए,जो कि क्रमशः दिसम्बर की बिजली खपत 6000 यूनिट में बकाया करीब 31,367 रुपये था और फरवरी की बिजली खपत 9000 यूनिट का 58,096 रुपये बिजली बिलों को समय पर न देने के कारण देरी के लिए सरचार्ज सहित था.
संदीप कुमार ने कहा कि कंगना रनौत मासिक बिलों का भुगतान हर बार असमय किया जा रहा है. जनवरी और फरवरी के बिजली बिलों का भुगतान 28 मार्च 2025 को किया गया है,जिसकी कुल खपत 14,000 यूनिट थी.
यह साफ है कि कंगना रनौत की मासिक खपत औसत रूप से 5000 यूनिट से लेकर 9000 यूनिट तक बहुत अधिक है. साथ ही कहा कि कंगना रनौत द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी भी लगातार ली जा रही है. फरवरी के बिल में कंगना रनौत ने 700 रूपए मासिक बिजली बिल पर सब्सिडी के तौर पर प्राप्त किए हैं.
कंगना ने कहा था कि इस महीने मेरे मनाली का घर का एक लाख बिजली का बिल आया,जहां मैं रहती भी नहीं हूं. इतनी दुर्दशा हुई है. हम पढ़ते हैं और शर्मिंदगी होती है कि ये क्या हो रहा है.
समय पर बिजली बिलों के भुगतान से विद्युत उपभोक्ता और बिजली बोर्ड के कर्मचारियों दोनों के समय में बचत होती है.
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