नई दिल्ली:
इन दिनों बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बीच शब्द युद्ध छिड़ा हुआ है. पहले कांग्रेस नेता उदित राज और अब राहुल गांधी के एक बयान पर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं. अब दोनों पार्टियां एक दूसरे को बीजेपी की बी टीम बता रही हैं. हालत यह है कि अब इस लड़ाई में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही शामिल हो गया है.
1. कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा आमचुनाव में इस बार बीजेपी की B टीम बनकर चुनाव लड़ा,यह आम चर्चा है,जिसके कारण यहाँ बीजेपी सत्ता में आ गई है। वरना इस चुनाव में कांग्रेस का इतना बुरा हाल नहीं होता कि यह पार्टी अपने ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत भी न बचा पाए। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) February 21,2025उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके पहले एक बार फिर कांग्रेस और बसपा आमने सामने आ गए हैं. इसी हफ्ते कांग्रेस के दलित नेता उदित राज ने मायावती का 'गला घोटने' तक की बात कर दी. उन्होंने कहा था कि मायावती ने दलित आंदोलन का गला घोंटा,इसलिए अब समय आ गया है कि उनका ही गला घोंट दिया जाए.हालांकि उन्होंने यह भी कगा था कि इसे कांग्रेस का बयान न माना जाए. उन्होंने यह बात लखनऊ में की थी. इसके बाद बसपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से उदित राज को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की.
मायावती ने कांग्रेस पर बीजेपी के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का आरोप लगाया है.
मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जिन राज्यों में मजबूत है या जहां उनकी सरकारें हैं,वहां वह बीएसपी और उसके समर्थकों के द्वेष और जातिवादी रवैया अपनाती है. लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां कांग्रेस कमजोर है,वहां बीएसपी से गठबंधन की वरगलाने वाली बातें करना यह उस पार्टी का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है?
राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में छात्रों के साथ संवाद किया.
ऐसा भी नहीं है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और बसपा की हमेशा से दुश्मनी ही रही है. दोनों ने 1996 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था. उस चुनाव में कांग्रेस ने 126 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं बसपा ने 296 सीटों पर चुनाव लड़ा था,उसे 67 सीटों पर जीत मिली थी. उसके बाद कई बार दोनों दलों में समझौते की कोशिश हुई. लेकिन परिणाम नहीं निकल सका. राहुल गांधी जिस गठबंधन की बात कर रहे हैं,वह 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर था. ऐसी खबरें थी कि बसपा इंडिया गठबंधन में शामिल होगी. इसके लिए उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे में भी देरी की. लेकिन बसपा इस गठबंधन में शामिल नहीं हुई. इसके बाद भी सपा-कांग्रेस का गठबंधन बीजेपी को 43 सीटों पर हराने में कामयाब रहा. अब 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर गठबंधन पर राजनीति शुरू हो गई है.इसका परिणाम क्या होगा,इसका परिणाम जानने के लिए हमें इंतजार करना होगा.
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