IT विभाग यह जानने की कोशिश कर रहा है कि क्या फिनटेक कंपनियों ने अपनी घरेलू शाखाओं के खर्चों को कम दिखाने के लिए प्रॉफिट को पैरेंट देश में ट्रांसफर किया है.
नई दिल्ली:
मोबाइल ऐप के जरिए इंस्टैंट लोन देने वाली फिनटेक कंपनियां आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गई हैं. इनकम टैक्स विभाग की इंटरनेशनल टैक्सेशन विंग ने करीब 40 फिनटेक कंपनियों को नोटिस भेजा है. इन नोटिस में उनकी विदेशी पैरेंट कंपनियों को किए गए भारी भुगतान पर सफाई मांगी गई है. विभाग ने यह भी पूछा है कि इन भुगतान को "बिजनेस प्रॉफिट" के रूप में क्यों न गिना जाए.
NDTV प्रॉफिट ने इन नोटिस की समीक्षा की है. फिनटेक कंपनियों को 30 दिसंबर तक अपनी प्रतिक्रिया निजी तौर पर या प्रतिनिधियों के जरिए देने को कहा गया है.
उदाहरण के तौर पर,अगर किसी भारतीय कंपनी ने अपनी पैरेंट कंपनी को ज्यादा भुगतान किया है या पैरेंट कंपनी से कम आय प्राप्त की है,तो ट्रांसफर प्राइसिंग नियम के तहत इस अंतर को ठीक किया जाएगा. "आर्म्स लेंथ प्राइस टेस्ट" से यह जांच होगी कि लेनदेन सही नियमों के तहत किया गया है या नहीं.इस जांच का उद्देश्य भारत में टैक्स का सही निर्धारण करना और वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाना है.
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