अमेरिका की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि तेहरान परमाणु हथियार के और करीब पहुंच गया है.
तेहरान:
तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान के बीच अगले दौर की वार्ता शनिवार को होने वाली है. ये बातचीत ओमान में आयोजित की गई है.आधिकारिक इरना समाचार एजेंसी ने ये जानकारी दी. पिछले सप्ताहांत मस्कट में वार्ता के बाद,ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाकेई ने कहा था कि अगली वार्ता 19 अप्रैल को ओमान की राजधानी में होगी. हालांकि पहले सुझाव दिया गया था कि वार्ता रोम में की जाए. बता दें कि हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यदि तेहरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को नहीं छोड़ता है तो इजरायल ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य हमले का 'नेता' होगा. ट्रंप ने कहा था,"अगर इसके लिए सेना की जरुरत होगी,तो हम सेना का इस्तेमाल करेंगे. इसमें इजरायल की भूमिका स्पष्ट रूप से बहुत बड़ी होगी,वह इसका नेतृत्व करेगा. वैसे कोई भी हमारा नेतृत्व नहीं करता,हम वही करते हैं जो हम करना चाहते हैं."
इस हफ्ते की शुरुआत में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि वे ईरान के साथ समझौता करने के ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल और अमेरिका का एक ही लक्ष्य है कि तेहरान परमाणु हथियार विकसित न कर पाए. हालांकि,नेतन्याहू उन लोगों में शामिल रहे हैं जिन्होंने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हट जाने के लिए ट्रंप को मनाने की कोशिशें की थी.
बता दें अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया था और 'अधिकतम दबाव' की नीति के तहत तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इजरायली नेता ने कहा कि वह 2003 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ लीबिया के समझौते की तर्ज पर एक राजनयिक समझौते का स्वागत करेंगे. लेकिन उस समझौते के तहत लीबिया के दिवंगत तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी ने अपना गुप्त परमाणु कार्यक्रम छोड़ दिया था. ईरान ने जोर इस बात पर है कि उसका कार्यक्रम,जिसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी स्वीकार किया,जारी रहना चाहिए. (IANS इनपुट के साथ)
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