नई दिल्ली:
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी हवाई क्षेत्र में हुई दुखद विमान दुर्घटना के लिए अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव से माफी मांगी. क्रिसमस के दिन कजाकिस्तान के अक्ताउ में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान क्रैश हो गया था,जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई थी. पुतिन की इस माफी को अप्रत्याशित बताया जा रहा है,ये इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि ये हादसा रूस की गलती से हुआ है. हालांकि क्रेमलिन के बयान में सीधे तौर पर ये नहीं कहा गया कि रूस ने विमान को मार गिराया था. रूस के इस आधे हां और आधे ना से,और भी सस्पेंस पैदा हो गया है.
क्रेमलिन ने विमान हादसे को रूस के लिए एक 'दुखद घटना' बताया और दुर्घटना के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की.
इससे पहले रूस और यूक्रेन ने इस विमान दुर्घटना के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया. रूस के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के प्रमुख दिमित्री याद्रोव ने कहा कि उस समय यूक्रेनी सैन्य ड्रोन नागरिक बुनियादी ढांचे पर आतंकवादी हमले कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जमीन पर विमान के उतरने के लिए दो असफल प्रयास भी किए गए. वहीं यूक्रेन ने इस हादसे में रूस की संलिप्तता का दावा करते हुए कहा कि अजरबैजान एयरलाइंस के विमान को मार गिराए जाने के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
अजरबैजान एयरलाइंस के उस विमान में 62 यात्री और चालक दल के पांच सदस्यों सहित 67 लोग सवार थे. उड़ान संख्या जे2-8243 वाला विमान कजाकिस्तान के अक्ताउ हवाई अड्डे के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस घटना में 28 लोग जीवित भी बचे थे. विमान में सवार यात्रियों में अजरबैजान के 37,रूस के 16,कजाकिस्तान के छह और किर्गिस्तान के तीन नागरिक शामिल थे.
पुतिन का कहना है कि रूस की अमेरिका के साथ अपने संबंध सुधारने की इच्छा अभी खत्म नहीं हुई है. ये बयान खासा चौंकाने वाला है क्योंकि पिछले हफ्ते मॉक्को ने अपने नागरिकों को अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की यात्रा न करने की चेतावनी दी थी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार,पुतिन ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा,"अगर इच्छा हो तो सब कुछ किया जा सकता है. हमारी यह इच्छा (अमेरिका से संबंध सुधारने की) अभी खत्म नहीं हुई है."
पुतिन ने 19वीं और 20वीं सदी का उदाहरण दिया और याद दिलाया कि 1853-1856 के क्रीमिया युद्ध के बाद,जब रूस पर कई प्रतिबंध लगाए गए थे,तब रूसी साम्राज्य के तत्कालीन विदेश मंत्री अलेक्जेंडर गोरचकोव ने एक पत्र भेजा था,जिसमें लिखा था,"रूस नाराज नहीं है. रूस ध्यान केंद्रित कर रहा है."
पुतिन ने कहा,"धीरे-धीरे,जैसे-जैसे रूस ध्यान केंद्रित करता गया,उसे काले सागर में अपने सभी अधिकार वापस मिल गए,और वह मजबूत होता गया." वहीं विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा के हवाले से आउटलेट ने बताया कि 'अमेरिका-रूस संबंध टूटने के कगार पर हैं.'
पुतिन ने उल्लेख किया कि वो 'बातचीत और समझौता दोनों के लिए तैयार हैं.' उनका ये बयान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत के लिए संभावित खुलेपन का संकेत देता है. उन्होंने कहा,"राजनीति समझौता करने की कला है. हमने हमेशा कहा है कि हम बातचीत और समझौता दोनों के लिए तैयार हैं."
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