भारत क्यों नहीं जाने दिया... कारण नहीं बताया
नई दिल्ली:
बांग्लादेश में जब से शेख हसीना सरकार सत्ता से बाहर गई है,तब से वहां हिंदू निशाने पर हैं. अब तक कई मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है और पुजारियों को परेशान किया जा रहा है. ऐसे में कई परेशान बांग्लादेशी हिंदू भारत आना चाहते हैं,लेकिन उन्हें ऐसा भी नहीं करने दिया जा रहा है. बांग्लादेश में पुलिस ने रविवार को भारत जाने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के 63 पुजारियों को बेनापोल सीमा चौकी से वापस भेज दिया. हालांकि,उनके पास वैध यात्रा दस्तावेज थे. इसके बावजूद उन्हें भारत आने से रोका गया.
भारत की तरफ पेट्रापोल में इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) का उद्घाटन जुलाई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने संयुक्त रूप से किया था. बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से अल्पसंख्यकों,विशेषकर हिंदुओं पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा गंभीर हमले हो रहे हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में,बांगलादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत के प्रवक्ता और इस्कॉन बांगलादेश से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद देश में अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी,लूटपाट,चोरी,तोड़फोड़ और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं तथा मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले सामने आए हैं.
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