विज्ञान

Ground Report: राव कोचिंग इंस्टीट्यूट को 19 दिन पहले कैसे मिली NOC, क्या बेसमेंट नहीं देखा

Jul 30, 2024 IDOPRESS

राजेंद्र नगर UPSC छात्रों की मौत के बाद विरोध-प्रदर्शन.

दिल्ली:

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर (Old Rajendra Nagar Incident) में बने बेसमेंट ने 3 जिंदगियों को निगल लिया. वो यहां आंखों में सपने लिए आए थे लेकिन सपने के करीब पहुंचने से पहले ही वह सिस्टम की भेंट चढ़ गए. सही व्यवस्था न होने की वजह से 3 UPSC छात्रों की मौत हो गई. जिसकी वजह से दूसरे छात्रों का गुस्सा उफान (UPSC Student Protest) पर है. उनका कहना है कि हर लाइब्रेरी बेसमेंट में बनी हुई है,हम खुद रोज बेसमेंट में पढ़ते है,तो क्या हम अब डर-डर के पढ़ेंगे वहां. उनका कहना है कि सरकारों के लिए छात्रों का जीवन एक मजाक की तरह बन गया है,वह हमारे लिए सीरियस ही नहीं हैं. बेसमेंट में क्लासेस होना बहुत ही ज्यादा नॉर्मलाइज है कि कोई छात्र जो बाहर से आता है वह कभी इस व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाता. कोई जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता है.. न पुलिस,न एमसीडी,न कोई और.

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UPSC छात्रों में उबाल

लापरवाह सिस्टम ने एक साथ तीन छात्रों को जैसे ही निगला,कोंचिंग सेंटर के बाहर UPSC की तैयारी कर रहे गुस्साए छात्र सड़क पर उतर आए. वह विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं,ताकि उनके साथियों को न्याय मिल सके और कुंभकरण की नींद सो रहा प्रशासन जाग सके.

शिवम नाम के एक छात्र ने कहा,"हमारे पैरेंट्स इतने भोले है.. हम यहां आ जाते है.. तीन लाख रुपए जमा कर देते है..फिर हम सोचते है कि IAS बन जाएंगे. लेकिन इनके साथ रहेगें को कभी कुछ नहीं बन पाएंगे."

अविनाश नाम के छात्र ने कहा. "कोचिंग संस्थान जिम्मेदारी के नाम पर कुछ नहीं कर रहे है. कोई घटना घटित होने पर जिम्मेदारी लेने से कोचिंग पीछे हट जाती है."

लाइब्रेरी की घटना से पूरे देश में उबाल

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. दिल्ली में कुछ देर की बारिश से अवैध तरीके से कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में इतना पानी भर गया कि,NDRF,SDRF,फायर ब्रिगेड को बुलाना पड़ा.

भूपेंद्र नाम के चश्मदीद ने कहा," साढ़े सात बजे के करीब,जब मैं जा रहा था तब यहां सिर्फ फायर ब्रिगेड थी,पुलिस,एनडीआरफ नहीं थी. जब मैं कोचिंग इंस्टिटूट के अंदर गया तो,देखा की वहां बच्चे बाल्टी से पानी निकाल रहे थे. जो बच्चे सीढ़ी पर खड़े थे उनके हाथ और पैर से खून आ रहा था."

राव कोचिंग इंस्टीट्यूट को कैसे मिला NOC?

ऐसा भी नहीं है कि इन कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को पहले ही आगाह तक किया गया हो. राव कोचिंग इंस्टीट्यूट को घटना के महज 19 दिन पहले ही फायर विभाग ने एनओसी जारी की थी. सवाल ये उठता है कि क्या विभाग को जांच के दौरान बेसमेंट में लाइब्रेरी नहीं दिखी? क्योंकि अगर दिख जाती तो शायद यह घटना नहीं हुई होती.

दिल्ली फायर विभाग के डीजी,अतुल गर्ग ने कहा,"जब हम गए थे तो उन्होंने वहां कुछ किताबे,टेबल-मेज उलटा रखा था. उन्होंने बताया कि वह इसका उपयोग स्टोरेज के लिए करते है. कोचिंग संस्थान ने हमें गलत जानकारी दी. इसी आधार पर आज हमने उनकी एनओसी को भी रद्द कर दिया है."

जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब?

कोचिंग संस्थान को NOC के लिए MCD ने कहा थाक्या MCD ने NOC देने से पहले कोचिंग संस्थान की जांच की?फायर विभाग को जांच के दौरान स्टोरेज और लाइब्रेरी में फर्क नहीं दिखा?कोचिंग संस्थान ने झूठ बोलकर लिया फायर NOCMCD ने कोचिंग के खिलाफ की गई शिकायत पर क्यों नहीं की कार्रवाई?जून महीने में शिकायत के बाद भी कोचिंग के खिलाफ कार्रवाई नहींघटना के बाद दिखावे के लिए MCD की कार्रवाई

MCD की खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश

फायर विभाग कोई भी एनओसी एमसीडी के आवेदन के बाद ही जारी करता है. दो अधिकारियों के निलंबन और बुलडोजर की कार्रवाई के जरिए एमसीडी एक बार फिर अपने आप को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहा है.

शिकायतकर्ता,किशोर सिंह ने कहा,"मैंने राव कोचिंग के बेसमेंट को लेकर शिकायत की थी. अगर प्रशासन कोई कदम उठाता तो शायद यह घटना नहीं होती."

पहले नहीं जागे,अब कर रहे राजनीति

तीन छात्रों की जान जाने के बाद से UPSC की तैयारी कर रहे छात्र प्रदर्शन कर रहे है. आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. इस बीच दिल्ली के एलजी छात्रों से मिलने पहुंचे. वहीं गृह मंत्रालय ने एक हाई लेवल कमेटी बनाई है.

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कहा," परमानेंट सॉल्यूशन निकाले की जरूरत है. टेंपरेरी सॉल्यूशन से काम नहीं चलेगा. मैं आपसे वादा करता हू..आप थोड़ा विश्वास कीजिए. मैं दोबारा आउंगा और बताऊंगा कि क्या कार्रवाई हुई.

ओल्ड राजेंद्र नगर में हुई घटना से ये सवाल खड़ा होने लगा है कि UPSC का सपना लेकर दिल्ली आने वाले लाखों छात्रों के सपने इस अव्यवस्था में दम ना तोड़ दे. इसलिए प्रशासन को जागने की जरूरत है और इस तरह की अव्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है.


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