विज्ञान

Quantum: 'क्वांटम कंप्यूटर्स में सब कुछ बदलने की ताकत', वैज्ञानिक बोले- हजार गुना ज्यादा प्रभावी होगी

Mar 12, 2024

विज्ञान और कूटनीति प्लेटफॉर्म GESDA के प्रमुख पीटर ब्राबैक-लैटमैथ का कहना है कि क्वांटम तकनीक में दुनिया में लगभग सबकुछ बदलने की ताकत है। लैटमैथ ने कहा कि 'क्वांटम तकनीक मौजूदा कंप्यूटर्स तकनीक की तुलना में हजार से दस हजार गुना ज्यादा ताकतवर होगी।' 

दुनिया भर के वैज्ञानिक क्वांटम कंप्यूटर्स तकनीक को विकसित करने में जुटे हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल सभी की भलाई के लिए हो, इसके लिए स्विटजरलैंड के जिनेवा में एक नया संस्थान शुरू हुआ है। द ओपन क्वांटम इंस्टीट्यूट नाम के इस संस्थान में दुनियाभर के वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा, जो भविष्य की सबसे अहम मानी जा रही क्वांटम तकनीक पर रिसर्च कर सकेंगे। साथ ही इस संस्थान में ये सुनिश्चित किया जाएगा कि क्वांटम तकनीक का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए ही हो। 

तकनीक के गलत इस्तेमाल की भी आशंका
विज्ञान और कूटनीति प्लेटफॉर्म GESDA के प्रमुख पीटर ब्राबैक-लैटमैथ का कहना है कि क्वांटम तकनीक में दुनिया में लगभग सबकुछ बदलने की ताकत है। द ओपन इंस्टीट्यूट में प्रोजेक्ट भी GESDA द्वारा ही चलाया जा रहा है। लैटमैथ ने कहा कि 'क्वांटम तकनीक मौजूदा कंप्यूटर्स तकनीक की तुलना में हजार से दस हजार गुना ज्यादा ताकतवर होगी।'  हालांकि वैज्ञानिक क्वांटम तकनीक के गलत हाथों में पड़ने को लेकर चिंतित हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में बेहद अहम होगी, लेकिन इससे बड़ा खतरा भी पैदा हो सकता है। यूरोप की साइंस लैब CERN की चीफ फैबियोला जियानोट्टी ने हालांकि कहा कि क्वांटम कंप्यूटिंग पर रिसर्च के लिए न्यूक्लियर रिसर्च लैब सबसे सही स्थान होता, क्योंकि न्यूक्लियर रिसर्च लैब के पास लंबा अनुभव है। 

क्या है क्वांटम तकनीक और ये क्या कर सकती है
क्वांटम कंप्यूटिंग, उप-परमाणु दुनिया की समझ को कई गुना बढ़ा देगी, जिससे गणितीय समस्याओं को हल करना काफी आसान हो जाएगा, जो कि आज की तकनीक के लिए असंभव है। पारंपरिक कंप्यूटर्स में जो तकनीक है, वह बाइट्स जैसे 0 और 1 से प्रदर्शित होती है। क्वांटम कंप्यूटर्स में यही तकनीक क्यूबिट्स में प्रदर्शित होती है, जो कि बाइट्स का मिलाजुला रूप है। इसकी मदद से कई जटिल समस्याओं को हल करना संभव हो सकेगा। हालांकि अभी भी क्वांटम तकनीक के पूरी तरह से विकसित होने में दशकों का समय लग सकता है और साल 2050 तक ही पहला पूरी तरह से विकसित क्वांटम कंप्यूटर बन सकता है। 

लैटमैथ ने कहा कि ताकतवर तकनीक खुले और पारदर्शी तरीके से प्रशासित होनी बेहद जरूरी है। इस पर कुछ गिने-चुनी तकनीकी कंपनियों का ही वर्चस्व नहीं होना चाहिए। साथ ही इस तकनीक के नैतिक विचार पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। क्वांटम तकनीक की मदद से संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद मिल सकती है। उदाहरण के लिए, क्वांटम कंप्यूटिंग सिमुलेशन और गणना यह निर्धारित करने में मदद कर सकती है कि जलवायु परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड को कैसे कम किया जाए। साथ ही एंटीबायोटिक प्रतिरोध के पैटर्न की भविष्यवाणी और घातक बैक्टीरिया से लड़ने के लिए अधिक प्रभावी रासायनिक यौगिकों की पहचान भी इस तकनीक की मदद से हो सकती है। 

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