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उम्र 26 साल... जानिए कौन हैं बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलटने वाले ये 2 छात्र जो बने हैं 'मंत्री'

Aug 9, 2024 IDOPRESS

Bangladesh Interim Government: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में दो छात्र नेता शामिल.

दिल्ली:

बांग्लादेश में नई सरकार का गठन (Bangladesh interim Government) हो चुका है. नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ,मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का का गठन गुरुवार रात किया गया. उनकी टीम में 17 सदस्यों ने शपथ ली,जिनमें दो छात्र नेता भी शामिल हैं. एम नाहिद इस्लाम (Nahid Islam) और आसिफ महमूद साजिब भुइयां (Asif Mahmood) ये वो नाम हैं,जिन्होंने छात्र आंदोलन में अहम भूमिका निभाई. इन दोनों को ही वहां हुए तख्तापलट का मुख्य चेहरा माना जाता है. दोनों ही अब नई सरकार का भी हिस्सा हैं. वैसे तो मोहम्मद यूनुस सेना समर्थित सरकार के सलाहकार बने हैं,वहां पर अभी प्रधानमंत्री नहीं चुना गया है. लेकिन उनका दर्जा प्रधानमंत्री जैसा ही है. वहीं उनके सहालकार परिषद में शामिल सदस्यों का दर्जा मंत्री जैसा है.

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कौन हैं नाहिद इस्लाम?

बांग्लादेश में पिछले काफी दिनों से आरक्षण के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन में नाहिद इस्लाम मुख्य चेहरा रहे. नाहिद बांग्लादेशी छात्र कार्यकर्ता हैं,वह बांग्लादेश कोटा सुधार आंदोलन के मुख्य नेताओं में से एक थे. छात्रों का यह आंदोलन बाद में असहयोग आंदोलन में बदल गया. शेख हसीना सरकार गिरने की वजह भी यही आंदोलन रहा. छात्र नेता नाहिद की वजह से ही आंदोलन इतना उग्र हो गया,कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा. नाहिद भी वह शख्स हैं,जिन्होंने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए राजी किया था.

नाहिद इस्लाम का जन्म 1998 में ढाका में हुआ था. वह ढाका यूनिवर्सिटी से 2016-17 बैच के समाजशास्त्र के छात्र हैं. वह मानवाधिकार एक्टिविस्ट और छात्र संगठन 'स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन' के कोर्डिनेटर भी हैं. उनके पिता एक शिक्षक और मां गृहिणी हैं. नाहिद शादीशुदा हैं और उनका एक छोटा भाई है.

नाहिद बांग्लादेश छात्र आंदोलन का मुख्य चेहरा

बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सुस्त पड़ चुके छात्र आंदोलन में नाहिद इस्लाम ने ही नई जान फूंकी,जिसकी वजह से आंदोलन और उग्र हो गया. न सिर्फ सेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी,बल्कि मुल्क छोड़ने के लिए भी मजबूर होना पड़ा.

नाहिद ने देश में चल रहे आंदोलन के दौरान पुलिस पर उनको बोरहमी से पीटने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन पर आंदोलन वापस लेने के लिए भी दबाव बनाया था. नाहिद ने उनके साथियों के पुलिस की गिरफ्त में होने का भी दावा किया था. हालांकि पुलिस ने उनके सभी आरोपों से इनकार कर दिया था.

नाहिद इस्लाम के बारे में खास बातें

नाहिद ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि छात्र अपने मकसद के लिए अपनी जान देने वाले शहीदों के खून का बदला नहीं लेंगे.सुरक्षा,सामाजिक न्याय और नए राजनीतिक परिदृश्य के अपने वादे के जरिए नया लोकतांत्रिक बांग्लादेश बनाएंगे.साथी छात्रों से अस्थिर स्थिति में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की रक्षा करने की अपील की थी.पिछले महीने पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद नाहिद इस्लाम सुर्खियों में आए थे.नाहिद इस्लाम ने ही बांग्लादेश में छात्र आंदोलन का नेतृत्व किया था. प्रदर्शन के दौरान वह माथे पर बांग्लादेशी झंडा बांधे देखे गए.


कौन हैं आसिफ महमूद?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में शामिल आसिफ महमूद छात्र आंदोलन का दूसरा बड़ा चेहरा रहे. आसिफ भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख समन्वयकों में से एक हैं. कोमिला से ताल्लुक रखने वाले आसिफ ढाका यूनिवर्सिटी में 2017-18 बैच के लैंग्वेज स्टडीज के छात्र हैं. वह जून महीने में आरक्षण के खिलाफ चल रहे देशव्यापी छात्र आंदोलन से जुड़े. आसिफ महमूद सिर्फ 26 साल के हैं.

आसिफ महमूद के बारे में खास बातें

आसिफ महमूद बांग्लादेश छात्र आंदोलन का दूसरा बड़ा चेहरा हैं.डिटेक्टिव ब्रांच ने 26 जुलाई को आसिफ को हिरासत में लिया था.सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए आसिफ को इलाज के दौरान अस्पताल से हिसारत में लिया गया था.छात्रों के विरोध में 1 अगस्त को हुए हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद उनको छोड़ दिया गया.सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ,जिसके मुताबिक,आंदोलन के दौरान आसिफ को भी पुलिस की प्रताड़ना सहनी पड़ी.एक इंजेक्शन की वजह से आसिफ महमूद कई दिनों तक बेहोश रहे.आसिफ के परिवार ने 28 जुलाई को उनसे मिलने की परमिशन मांगी,लेकिन उनको मिलने नहीं दिया गया था.आसिफ ने कहा था कि वह बांग्लादेश में सेना के शासन को स्वीकार नहीं करेंगे.

कितने पढ़े-लिखे हैं आसिफ महमूद?

आसिफ महमूद ने नक्खलपारा हुसैन अली हाई स्कूल से पढ़ाई की और 2015 में SSC पास किया. उन्होंने 2017 में आदमजी कैंटोनमेंट कॉलेज से एचएससी पास की. आसिफ कॉलेज के बीएनसीसी प्लाटून के पूर्व कैडेट सार्जेंट थे. वह ढाका यूनिवर्सिटी के छात्र अधिकार परिषद के अध्यक्ष भी थे.

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के 17 सदस्य

डॉ मोहम्मद यूनुसडॉ सालेहुद्दीन अहमदब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम सखावत हुसैनडॉ एमडी नजरुल इस्लाम (आसिफ नजरुल)आदिलुर रहमान खानएएफ हसन आरिफमोहम्मद तौहीद हुसैनसैयदा रिजवाना हसनसुप्रदीप चकमाफरीदा अख्तरबिधान रंजन रॉयशरमीन मुर्शिदएएफएम खालिद हुसैनफारूक-ए-आजमनूरजहां बेगमनाहिद इस्लामआसिफ महमूदबांग्लादेश की नवगठित सरकार में 17 सदस्य हैं. जिनमें दो छात्र नेताओं के अलावा महिला अधिकार कार्यकर्ता फरीदा अख्तर,दक्षिणपंथी पार्टी हिफाजत-ए-इस्लाम के उप प्रमुख एएफएम खालिद हुसैन,ग्रामीण दूरसंचार ट्रस्टी नूरजहां बेगम,स्वतंत्रता सेनानी शर्मीन मुर्शिद,चटगांव हिल ट्रैक्ट्स डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष सुप्रदीप चकमा,प्रोफेसर बिधान रंजन रॉय और पूर्व विदेश सचिव तौहीद हुसैन शामिल हैं.

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