दिल्ली में चल रही नीति आयोग की बैठक. (फाइल फोटो)
दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में आज नीति आयोग की बैठक (Niti Aayog Meeting) चल रही है. इस बैठक में ममता बनर्जी को छोड़कर कोई भी विपक्षी नेता नहीं पहुंचा. यहां तक कि एनडीए के सहयोगी जेडीयू के नेता नीतीश कुमार भी बैठक से नदारद हैं. हालांकि नीतीश बैठक में क्यों शामिल नहीं हो सके,ये अब तक सामने नहीं आया है. जानकारी के मुताबिक बिहार के दोनों डिप्टी सीएम बैठक में मौजूद हैं.
बैठक का बहिष्कार किए जाने पर कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि यह निर्वाचित मुख्यमंत्रियों का फैसला है. योजना आयोग शानदार काम कर रहा था लेकिन उन्होंने इसे खत्म कर दिया. गैर-बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है,खासकर बजट ने मुख्यमंत्रियों को मुश्किल में डाल दिया और उन्हें नीति आयोग का बहिष्कार करने पर मजबूर कर दिया. बजट उन लोगों के खिलाफ है जिन्होंने बीजेपी के खिलाफ वोट किया था.
#WATCH | Delhi: On Congress and opposition CMs boycotting NITI Aayog meeting chaired by PM Modi,Congress MP Manickam Tagore says,"It is the decision of the elected Chief Ministers...The Planning Commission was doing a wonderful job but they dismantled it...They are doing… pic.twitter.com/G2ZxJ6HnN3
— ANI (@ANI) July 27,2024
वैसे तो विपक्ष के नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं,लेकिन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल होने पहुंची थीं. लेकिन वह बैठक बीच में छोड़कर ही बार आ गईं. सीएम बनर्जी का कहना है कि मीटिंग के दौरान उनको बोलने से रोक दिया गया. 5 मिनट बोलने के बाद ही उनको चुप करवा दिया गया . इस बात से नाराज ममता ने बैठक बीच में ही छोड़ दी.ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि वो अब इस बैठक में कभी नहीं आएंगी. हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि ये आरोप गलत है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अलावा इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों का कोई भी मुख्यमंत्री बैठक में नहीं पहुंचा. बिहार के सीएम नीतीश कुमार से लेकर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन तक कोई भी इस बैठक में मौजूद नहीं है.
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बैठक में शामिल होने शुक्रवार को दिल्ली पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा स्थापित आयोग को खत्म कर योजना आयोग को बहाल किया जाना चाहिए. उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में बीजेपी को "टुकड़े-टुकड़े मंच" करार देते हुए कहा कि वह अपने राज्य को विभाजित नहीं होने देंगी.
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