Kirti Chakra Award : कैप्टन अंशुमान सिंह के मरणोपरांत उनकी पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने कीर्ति चक्र राष्ट्रपति से लिया.
Martyr Captain Anshuman Singh : सेना के जवान और अधिकारी ही देश के लिए जज्बा और बहादुरी नहीं दिखाते,बल्कि उनके माता-पिता,पत्नी और बच्चे भी हर अग्निपरीक्षा में उनके साथ रहते हैं. हर दर्द बराबरी से सहते हैं.आजराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सैन्य बलों,अर्धसैनिक बलों व पुलिस कर्मियों को कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित किया. इसी दौरान पंजाब रेजिमेंट की 26वीं बटालियन के आर्मी मेडिकल कोर के कैप्टन अंशुमन सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया. उनकी मां और पत्नी जब राष्ट्रपति से लेने जा रहीं थीं तो दोनों को एक नजर देखते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी ही सख्ती से अपनी भावनाओं को काबू करते दिखे. वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह थोड़े विचलित हुए बिना न रह सके.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तोकैप्टन अंशुमन सिंहकी पत्नी को देखकर एक मां की तरह भावुक नजर आईं. वह उनके कंधे पर हाथ रखकर सांत्वना और लाड जताती नजर आईं. इस दृश्य को देखकरसभी नम आंखों से ताली बजाने लगे. राजनाथ सिंह से लेकर किरेन रिजिजू तक तालियां बजाते नजर आए. मगर पीएम मोदी उस समय तक भावुक नजर आने लगे. वह इन दोनों को देख भी नहीं पा रहे थे.
कैप्टन अंशुमन सिंह की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने कीर्ति चक्र राष्ट्रपति से अपने हाथ में लिया तो दोनों के चेहरे पर कुछ सेकेंड के लिए अपने पति और बेटे के लिए गर्व के भाव भी नजर आए. जब कैप्टन अंशुमन सिंह के बलिदान की गाथा राष्ट्रपति की मौजूदगी में इन दोनों को सुनाई गई तो दोनों अपने आंसुओं को ऐसे बांधे हुए थीं,जैसे कोई समंदर पर बांध बनाने की कोशिश कर रहा हो.
इतनी छोटी सी उम्र में स्मृति सिंह ने देश के लिए अपने पति को खो दिया. फिर भी वह खुद को संभाले हुए रहीं. अपने पति के मान-सम्मान और बहादुरी के सम्मान के लिए वह अपने आंसुओं को हिमालय जैसी बड़ी इच्छाशक्ति से रोके रहीं.
इसी दौरान मेडिकल इन्वेस्टिगेशन शेल्टर में आग लगता देख वह उसमें कूद पड़े ताकि जीवन रक्षक दवाइयों और उपकरणों को बचाया जा सके. तेज हवा के कारण पूरे शेल्टर को आग ने अपनी चपेट में ले लिया और वह देश के लिए शहीद हो गए. कैप्टन अंशुमन सिंह के अदम्य साहस और देशभक्ति को देखते हुए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. पढ़ें-स्मृति की अंशुमन से कैसे हुई थी शादी? पत्नी ने पहली से लेकर आखिरी मुलाकात इस वीडियो में बता दी
सम्मान मिलने के बाद स्मृति से मिलने के लिए लोग खुद उनके पास आए. यहां तक कीथल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने भी रक्षा अलंकरण समारोह-2024 के दौरान स्मृति सिंह से बातचीत की. उनका हाल जाना और ढांढस बंधाया. इसके साथ ही अंशुमन सिंह के बलिदान को याद किया.
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