नई दिल्ली:
वैश्विक बाजारों में अमेरिकी करेंसी की मजबूती और विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी के कारण निवेशकों की धारणा प्रभावित होने से रुपया मंगलवार को शुरुआती कारोबार में चार पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.76 प्रति डॉलर पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि रुपये में गिरावट की मुख्य वजह डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिक्स मुद्रा को लेकर दी गई चेतावनी,यूरोक्षेत्र में राजनीतिक अस्थिरता,कमजोर घरेलू समष्टि आर्थिक संकेतक और निरंतर विदेशी पूंजी की निकासी रही.
इस बीच,छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 106.51 पर रहा.अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.18 प्रतिशत चढ़कर 71.96 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा.शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) सोमवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 238.28 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
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