22 जुलाई से कांवड़ यात्रा की शुरुआत होगी.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ यात्रा मार्ग पर आनेवाली दुकानों,ढाबों और रेस्टोरेंट संचालकों के नेम प्लेट लगाने के आदेश को लेकर सियासत जारी है. विपक्षी दलों के नेता यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं अबरालोद सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुएकहा कि "यह कोई सोच-समझकर लिया गया और तर्कपूर्ण फैसला नहीं लगता है. किसी भी फैसले से समुदाय की भलाई और समुदाय में सद्भाव की भावना को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए. कांवड़ यात्रा पर जाने वाले और उनकी सेवा करने वाले सभी लोग एक जैसे हैं. यह परंपरा शुरू से चली आ रही है और किसी ने नहीं देखा कि उनकी सेवा कौन कर रहा है. विपक्ष क्या कह रहा है,मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है..."
#WATCH | On 'nameplates' on food shops on the Kanwar route in UP,RLD MP & Union Minister Jayant Chaudhary says,"It doesn't appear to be well thought out and well-reasoned decision. Any decision shouldn't cause harm to the sense of well-being of the community and harmony in the… pic.twitter.com/ULYQdKy8de
— ANI (@ANI) July 21,2024
बता दें कि यूपी की तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का कानून लागू हुआ था और यूपीए सरकार ने इस बिल को पास किया था. ये नियम 2006 में ही बनाए गए थे,इसमें कहा गया था कि सभी दुकानदारों,ढाबा मालिकों को अपने नाम के साथ-साथ पता और लाइसेंस नंबर भी लिखना चाहिए.
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