Vizhinjam Port Gets First Mothership: विड़िन्यम पोर्ट का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो सकता है.
तिरुवनंतपुरम:
भारत की पोर्ट इंडस्ट्री के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ है. केरल के विड़िन्यम बंदरगाह पर आधिकारिक रूप से केंद्रीय बंदरगाह,जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल,राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने पहली मदर शिप का आधिकारिक रूप से स्वागत किया. केरल के कोवलम बीच के पास स्थित विड़िन्यम बंदरगाह देश का पहला ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट है.
शुक्रवार को पोर्ट के पहले चरण के विकास का कार्य भी पूरा कर लिया गया है. इसमें 3,000 मीटर की ब्रेकवाटर और 800 मीटर की कंटेनर बर्थ तैयार है.
बता दें,गुरुवार को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स का जहाज "सैन फर्नांडो" 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ विड़िन्यम बंदरगाह पर पहुंचा था.
मदर शिप के डॉक करने के साथ ही विड़िन्यम बंदरगाह ने भारत को विश्व शिपिंग बिजनेस के पटल पर ला दिया. यह बंदरगाह वैश्विक स्तर पर छठवें या सातवें नंबर पर होगा. विड़िन्यम पोर्ट का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो सकता है. इसके बाद यह दुनिया का सबसे हरित बंदरगाह होगा.
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