चिप तकनीक

पांच साल में चिप मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ताकत बनकर उभरेगा भारत, कम होगा चीन-कोरिया का दबदबा

Mar 12, 2024

अपनी डिजाइन क्षमता और 10 अरब डॉलर के इंसेंटिव के साथ भारत अगले पांच सालों में ग्लोबल सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक मजबूत ताकत बनकर उभरेगा. टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि भारत की अच्छी तरह से तैयार की गई नीतियों की वजह से मैन्युफैक्चरर्स नए फैब (सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट) स्थापित करने और संबंधित क्षेत्रों में निवेश करने के लिए सोच रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि इस सेक्टर में ताइवान, साउथ कोरिया और चीन जैसे देशों का दबदबा कम होगा.

इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर है बहुत जरूरी
 
मालूम हो कि सेमीकंडक्टर (Semiconductors) इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक जरूरी कम्पोनेंट है और इसका इस्तेमाल ऑटोमोबाइल से लेकर कंप्यूटर, मोबाइल फोन और यहां तक ​​कि वॉशिंग मशीन में भी किया जाता है. भारत में पहले से ही सबसे प्रसिद्ध कंपनियों की फैक्ट्रियां हैं - रेनॉल्ट और निसान से लेकर हुंडई तक, डेल जैसे कंप्यूटर निर्माता हैं. एप्पल सप्लायर और सैमसंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक निर्माता हैं जो टीवी, वॉशिंग मशीन और फ्रिज आदि का प्रोडक्शन करते हैं.
 
76,000 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि अब भारत हाई स्टेक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के साथ मैन्युफैक्चरिंग वैल्यू चेन को आगे बढ़ाने पर नजर गड़ाए हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के 76,000 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन से माइक्रोन और टाटा सहित चार खिलाड़ियों को फायदा हुआ है. वैष्णव ने कहा कि देश में पहले से ही ग्लोबल डिजाइन टैलेंट का लगभग एक तिहाई मौजूद है.
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