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अगर मंगल ग्रह बना हमारा ठिकाना तो कैसी होगी हमारी जिंदगी, भविष्य में कैसे दिखेंगे इंसान?

Jan 6, 2025 IDOPRESS

नई दिल्ली:

पृथ्वी पर हम जब भी जिंदगी की बात करते हैं तो हम अपने समय से लाखों-करोड़ों साल पीछे चले जाते हैं. यह एक सतत प्रक्रिया थी,जिसके कारण हमने आज अपना स्वरूप पाया. इस धरती पर हमारे साथ कई लाख प्रजातियां मौजूद हैं,जो रोजाना अपनी जिंदगी जीने में लगी हुई हैं. खैर,आज हम अतीत की नहीं,भविष्य की बात करेंगे. सोचिए,आने वाले समय में इंसानों का विकास कैसा होगा. हमारी जिंदगी कैसी होगी,हम कैसे दिखेंगे? न जाने सैंकड़ों सवाल ऐसे हैं,जिनका जवाब अभी दे पाना थोड़ा मुश्किल है,मगर कल्पना और तकनीक के मिश्रण से ये संभव है. तो बिना देर किए हुए हम भविष्य के सफर को आगे बढ़ाते हैं.

कैसा होगा मनुष्य का जीवन?

बीबीसी अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार,भविष्य में मनुष्य के शरीर,चरित्र,व्यवहार और तकनीक में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं. हो सकता है कि भविष्य में हमारे कई ऐसे अंग हों,जो आर्टिफिशियल हो. हम खुद तय कर पाएं कि हमारी लंबाई,वजन,त्वचा का रंगा कैसा रहे.

स्वभाविक है कि हम अभी इन सवालों का जवाब देने में असक्षम हैं,मगर स्टार्ट करते हैं,उस वक्त से जब होमो सेपियंस नहीं थे. लाखों साल पहले शायद मनुष्य की कोई दूसरी ही प्रजाति थी,जो homo erectus और आज के मनुष्य से काफी हद तक मिलता-जुलता था. एक वाक्य में कहें तो अगर हम विकसित नहीं होते तो वे होते. मगर बीते 10 हजार साल में हमने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. आज स्थिति ये है कि हम अस्त्तित्व में हैं. अब देखिए इंसान पहले जंगलों में रहता था,मगर अब एक सोसायटी में रहने लगा. आग के आविष्कार से अब हम दिमाग के अविष्कार में लगे हुए हैं. धीरे-धीरे ये प्रक्रिया बहुत आगे बढ़ने वाली है. इंसान अब नई दुनिया की तलाश में है. पृथ्वी के अलावा भी हम नए ग्रह की तलाश में हैं. ऐसे में हमें उस ग्रह के मुताबिक खुद को ढालने की जरूरत पड़ेगी.

आने वाले लाखों वर्षों में कैसा होगा मनुष्य का शरीर?

डेनमार्क स्थित आरहुस यूनीवर्सिटी के बायोइन्फोर्मेटिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफ़ेसर थॉमस मेयलुंड के अनुसार,अगर इंसान की लंबाई कम होती तो हमारे शरीर को कम ऊर्जा की ज़रूरत पड़ती और यह लगातार बढ़ रही आबादी वाले ग्रह के लिए बिल्कुल सही होता. सोचिए कि जिसका जितना ज्यादा वजन होगा,उसे उतनी ही ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होगी. (BBC Earth)

शरीर की बनावट में बदलाव होगा

रिपोर्ट के मुताबिक,आने वाले कुछ वर्षों में हम अपने शरीर को अपने अनुसार ढाल सकते हैं. फिलहाल प्लास्टिक सर्जरी,हाइट बढ़ाना,बाल कलर करवाना (ये ऐसी प्रक्रियाएं हैं,जिनकी शुरुआत हो चुकी हैं)

एआई की मदद से दिमाग को कनेक्ट करना

विश्व प्रसिद्ध एलन मस्क ने इसकी शुरुआत अभी से कर दी है. उन्होंने न्यूरालिंक (ब्रेन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप) की मदद से इंसानों के दिमाग में चिप ट्रांसप्लांट करना शुरु कर दिया. इसकी मदद से इंसान अपनी सोच को कंप्यूटर की मदद से और विकसित कर सकता है. सोचिए भविष्य में ऐसे ह्मयूमन रोबोट बन सकते हैं,जो इंसानों और रोबोट के मिश्रण से बनेंगे.

पैरेंट्स अपनी पसंद के बच्चे चुनेंगे

अबतक हम शरीर के टूटे हुए अंगों को बदल या ठीक कर पा रहे हैं,मगर भविष्य में ऐसा भी होगा कि हम अपनी पसंद के बच्चों को जन्म दे सकते हैं. हम ये तय कर पाने में सक्षम होंगे कि हमारा बच्चा कैसा होगा,कितनी हाइट होगी. हो सकता है हम अपने रंग-रूप या शरीर में तकनीक का ज़्यादा इस्तेमाल करें. जैसे कृत्रिम आंखें जिनमें ऐसा कैमरा फ़िट हो जो अलग-अलग रंगों और चित्रों की अलग-अलग फ्रीक्वेन्सी पकड़ सके. शोधकर्ता मायलुंड का मानना है कि भविष्य में हम तय कर पाएंगे कि हमारा बच्चा कैसा होगा.

दूसरा ग्रह बना ठिकाना तो कैसा होगा इंसान

इस मामले में एक्सपर्ट का मानना है कि शरीर की बनावट गुरुत्वाकर्षण,पर्यावरण,मौसम और तापमान से तय होता है. ठंडे प्रदेशों में रहने वाले इंसान गोरे होते हैं,गर्म क्षेत्र में रहने वाले इंसान काले होते हैं,वहीं भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले इंसान सांवले होते हैं,वजह ये है कि यहां ठंडी और गर्मी दोनों का असर देखने को मिलता है.

अगर मनुष्य ने मंगल ग्रह पर बस्तियां बना लीं तो हो सकता है कि हमारी मांसपेशियों की बनावट बदल जाएगी. शायद हमारे हाथ-पैर और लंबे हो जाएं. इस मुद्दे पर एक्सपर्ट का मानना है कि पर्यावरण और वातावरण के हिसाब से जीव-जंतुओं के शरीर में बदलाव देखने को मिलते हैं.

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