केरल के कई जिलों में फैला निपाह वायरस
नई दिल्ली:
केरल में निपाह वायरस का खतरा हर बीतते दिन के साथ बढ़ते जा रहा है.अभी तक अकेले केरल में निपाह वायरस के 26 मामले सामने आए हैं.केरल में बीते रविवार को भी इस वायरस से पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई थी.निपाह वायरस से हुई इस मौत की पुष्टि खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने की.बताया जा रहा है कि जिस युवक की निपाह वायरस से मौत हुई है,उसके संपर्क में 150 से ज्यादा लोग आए थे. इन लोगों को भी अभी मॉनिटर किया जा रहा है. अभी तक इनमें से 30 से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आ चुका है. पड़ोसी राज्य केरल में फैल रहे निपाह वायरस को देखते हुए कर्नाटक ने भी अपने यहां इसे लेकर एडवाइजरी जारी किया है.
- तीव्र श्वसन संक्रमण (हल्का,गंभीर)
- घातक एन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार)
संक्रमित लोगों में शुरू में बुखार,सिरदर्द,मायलगिया (मांसपेशियों में दर्द),उल्टी और गले में खराश जैसे लक्षण विकसित होते हैं. इसके बाद चक्कर आना,उनींदापन,चेतना में बदलाव और न्यूरोलॉजिकल संकेत हो सकते हैं जो एक्यूट एन्सेफलाइटिस का संकेत देते हैं. कुछ लोगों को असामान्य निमोनिया और तीव्र श्वसन संकट सहित गंभीर श्वसन समस्याओं का भी अनुभव हो सकता है. एन्सेफलाइटिस और दौरे गंभीर मामलों में होते हैं,जो 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में चले जाते हैं.
निपाह वायरस यह जानवरों की एक विस्तृत श्रृंखला को संक्रमित करता है और लोगों में गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बनता है,जिससे यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता बन जाता है. निपाह वायरस कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इससे होने वाली मृत्यू के आंकड़ों से लग सकता है. निपाह वायरस के मामले में मृत्यु दर 40 से 75 फीसदी होने का अनुमान है.
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