बड़ा डेटा

7.2 तीव्रता का भूकंप आखिर कैसे झेल गया पेरू, कैसे किसी इमारत में नहीं आई कोई दरार ? जानें इसके बारे में सबकुछ

Jun 29, 2024 IDOPRESS

पेरू में आया 7.2 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप.

शुक्रवार को दक्षिणी पेरू 7.2 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से हिल गया. 7.2 तीव्रत काभूकंप विनाशकारी होता है और इससेजानमाल का काफी नुकसान होता है.पिछले साल तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के कारण 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था. तुर्की में 45,000 से अधिक और सीरिया में 5000 लोगों की मौत हो गई थी. वहींनेपाल में साल 2015 में 7.8 के भूकंप की चपेट में आकर करीब 9 हजार लोग मारे गए थे. लेकिन पेरू में ऐसा कुछ नहीं हुआ और इस देश ने आसानी से इतनी तीव्रता का भूकंप झेल लिया.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार पेरू में भूकंप अतीकीपा जिले से 8.8 किलोमीटर दूर आया है. एक्स पर एक पोस्ट में,पेरू के राष्ट्रपति ने लिखा सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और किसी भी संभावित नुकसान का मूल्यांकन कर रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कुल आठ लोग घायल हुए हैं. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. इन लोगों को मामूली चोट आई है.

भयानक भूकंप कैसे झेल गया पेरू?

पेरू देश प्रशांत महासागर के 'फायर रिंग' पर स्थित है. 'फायर रिंग' पर स्थित देशों मेंअक्सरभूकंप आते रहते हैं.भूकंप के दौरान इमारत गिरने से ही मृत्यु,चोट और संपत्ति का नुकसान होता है. इसलिए पेरू में भवनों को भूकंपरोधी बनाया जाता है. ऐसीइमारतोंपर भूकंप से होनेवाली हलचल का कोई दबाव नहीं पड़ता है. जिसकी वजह से भवन इतनी तीव्रता वाले भूकंप को सहन कर जाते हैं.

जापान में भी काफी तेज भूकंप आते हैं. इसलिए यहां की इमारतों को भी भूकंपरोधी बनाया गया है.यहां कि इमारत शॉक एब्जॉर्बर्स होती हैं. ये रबर के मोटे ब्लॉक पर खड़ी की जाती हैं. जिसके कराण भूकंप के दौरान ये स्थिर ही रहती हैं.

2015 में नेपाल में आया था विनाशकारी भूकंप

भूकंप के लिहाज से नेपाल दुनिया का 11वां संवेदनशील देश माना जाता है. नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप से लगभग 9,000 लोगों की मौत हो गई थी. यहां तक 35 लाख लोग बेघर हो गए थे. इस भूकंप से काठमांडू में स्थित कई ऐतिहासिक इमारतें ध्‍वस्‍त हो गई थीं.

कितनी तीव्रता का भूकंप होता है खतरनाक?

भूकंप की तीव्रत को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है.1.0 से 2.9 तीव्रत के भूकंप को आम तौर पर लोगों द्वारा महसूस नहीं किया जाता है,हालांकि स्थानीय उपकरणों पर येरिकॉर्ड हो जाता है .3.0–3.9 तीव्रत केभूकंप के झटकोंमामूली होते हैं. इससे भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है.4.0–4.9 तीव्रता वाले भूकंप को महसूस किया जा सकता हैऔर इससे भी नुकसान का खतरा कम होता है.5.0–5.9 तीव्रता वाले भूकंप से कमज़ोर संरचनाओं को कुछ क्षति पहुंच सकती है.6.0–6.9 तीव्रता वाले भूकंप से आबादी वाले क्षेत्रों में मध्यम सेभारीक्षति हो सकती है.7.0–7.9 तीव्रता का भूकंप विनाशकारी साबित हो सकता है और इसे गंभीर नुकसान हो सकता है.8.0 और उससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप बेहद ही खतरनाक होता है. इसमें बहुत तीव्र कंपन महसूस होता है. साथ ही बड़ी इमारतें गिर जाती हैं.

भूकंप के लिहाज से दिल्ली कितनी सुरक्षित?

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अनुसार,भारत में चार भूकंपीय क्षेत्र हैं: जोन II,III,IV और V. जोन के अदंर आने वाले क्षेत्र सबसे कम खतरनाक है. जबकि जोन V के रखे गएक्षेत्रों में तेज भूंकप आने की संभावना रहती है. दिल्ली को जोनIV में रखा गया है. दिल्ली में अगर तेज भूंकप आता है तो ये सहन नहीं कर पाएगी. यानी दिल्ली खतरनाक जोन में आती है.

प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, और बहुत कुछ के दायरे में अत्याधुनिक समाचार के लिए आपका प्रमुख स्रोत। Arinstar के साथ तकनीक के भविष्य का अन्वेषण करें! सूचित रहें, प्रेरित रहें!

त्वरित खोज

हमारी क्यूरेट की गई सामग्री का अन्वेषण करें, ग्राउंडब्रेकिंग नवाचारों के बारे में सूचित रहें, और विज्ञान और तकनीक के भविष्य में यात्रा करें।

© प्रौद्योगिकी सुर्खियाँ

गोपनीयता नीति