नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में बिग डेटा एनालिस्ट सेक्टर के आठ गुना विस्तार होने की उम्मीद है। मौजूदा समय में यह सेक्टर 2 बिलियन डॉलर की इकोनॉमी है जो साल 2025 तक 16 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कुछ ऐसा ही मानना है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि साल 2025 तक यह 16 बिलियन डॉलर का हो जाएगा और अगले पांच सालों में सीएजीआर के 26 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है।

इन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत मौजूदा समय में दुनिया के टॉप 10 बिग डेटा एनालिस्ट मार्केट में से एक है। नैस्कॉम ने अगले तीन सालों के भीतर देश को शीर्ष तीन बाजारों में से एक बनाने का लक्ष्य रखा है। डब्ल्यूएनएस ग्लोबल सर्विस ग्रुप के सीईओ केशव मुर्गेश ने बताया, “सरकार, उद्योग और शिक्षा एक पारिस्थितिक तंत्र बनाने के लिए सहयोग कर सकते हैं ताकि डिजिटल इनोवेशन और बड़े डेटा की शक्ति का उपयोग करके टिकाऊ समाधान उत्पन्न किया जा सके।”

मुर्गेश ने आगे बताया, “बड़े डेटा और डिजिटल समाधानों का उपयोग करने की संयुक्त शक्ति लोगों के अनुभव को बेहतर बनाने, कार्यान्वयन दक्षता और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले परिणाम दे सकते हैं।”

एमआईटी मीडिया लैब के सहयोग से इंडियन स्कूल ऑफ़ डिज़ाईन एंड इनोवेशन (आईएसडीआई) की ओर से आयोजित इमर्जिंग वर्ल्ड कांफ्रेंस वर्कशॉप में बोलते हुए मुर्गेश ने कहा, “भारत एक विविधतापूर्ण देश है जिसमें कई तरह की चुनौतियां भी शामिल हैं। और यह बेहतर है कि हम इस देश के नागरिक हैं, यह प्रभावी समाधान ढूंढने का नया तरीका है जो यहां रहने वाले करोडों लोगों पर असर डाल सकता है।”