एक चोर से पूछना... संयुक्त जांच वाले प्रस्ताव पर विदेश सचिव की पाकिस्तान को दो टूक

May 21, 2025 IDOPRESS

विदेश सचिव ने पाकिस्तान को जमकर सुनाया.

नई दिल्ली:

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद भारत ने एक साहसिक कूटनीतिक पहल के तहत आतंकवाद से पाकिस्तान के संबंधों को उजागर करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू किया है. 'ऑपरेशन सिंदूर आउटरीच' (Operation Sindoor Outreach) के तहत संसदीय दल को 33 देशों की यात्रा पर भेजा जा रहा है. ये सांसद इन देशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकवाद की पोल खोलेंगे और पाक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश करेंगे. इस संसदीय दल में पूर्व मंत्री,अनुभवी राजनयिक,सीनियर नेताओं समेत 59 सांसद शामिल रहेंगे. 7 उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 21 मई से 5 जून के बीच 33 देशों में जाएगा.

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दुनिया के सामने खुलेगी पाक के आतंकवाद की पोल

विदेश मंत्रालय (MEA) की इस पहल का मकसद आतंकवाद के खिलाफ देश की एकजुटता दुनिया को दिखाना और आतंकवादी नेटवर्क को प्रायोजित करने और उसे पनाह देने के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करना है.

सूत्रों के मुताबिक,मिसरी ने भारत की स्थिति को साफ करते हुए कहा कि भारत चार दशकों से सीमा पार आतंकवाद झेल रहा है. ऐसी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अब एक नया सामान्य तरीका अपनाया है. इसमें अस्पष्टता या तुष्टिकरण की कोई गुंजाइश नहीं है.

पाकिस्तान के जांच प्रस्ताव को किया खारिज

विदेश सचिव ने पहलगाम हमले की संयुक्त जांच के पाकिस्तान के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से भारतीय धरती पर आतंकी हमलों की सह-जांच करने के लिए कहना,चोर से अपने अपराधों की जांच करने के लिए कहने जैसा है.

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मंगलवार को 7 में से 3 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को इस बारे में विस्तृत जानकारी दी. मिसरी ने उनको यह भी बताया कि भारत किस तरह अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी घटना को अंजाम देने वालों और इसकी साजिश रचने वालों को कड़ा जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.

भारत ने पाक के आतंकी ठिकानों पर की कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक,मिसरी ने सांसदों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों को बताया कि भारत की कार्रवाई पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई थी,न कि सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिकों के खिलाफ. पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक आबादी पर हमला करने के प्रयासों के बाद ही भारत ने जवाबी कार्रवाई की.

सूत्रों के मुताबिक,मिसरी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है,लेकिन वह अपनी धरती पर किसी भी आतंकवादी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद संबंधित चीजों की जानकारी भी दी.

विदेश जाएंगे 7 भारतीय प्रतिनिधिमंडल

बता दें कि विदेशों में जाने वाले हर प्रतिनिधिमंडल के पास गोपनीय दस्तावेज और खुफिया सामग्री है,जिसमें आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाक सेना और आईएसआई की भूमिका के बारे में बताया गया है. इसमें ऑपरेशन सिंदूर के प्रत्यक्ष साक्ष्य भी शामिल हैं.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल टोक्यो से लेकर वाशिंगटन,ब्रुसेल्स से लेकर जकार्ता तक जाएगा.इसका मकसद एक सरल,जरूरी संदेश देना है कि आतंकवाद कहीं भी हो,यह हर जगह शांति के लिए खतरा है और भारत इस लड़ाई में अकेला नहीं खड़ा होगा.

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