'आकाश' सिस्टम में सतह से हवा में वार करने वाली मध्यम दूरी की मिसाइल है.
रक्षा मंत्री के पूर्व सलाहकार और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख रहे डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने एनडीटीवी से विशेष बातचीत की. उन्होंने दावा किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर जीता क्योंकि भारत के 'स्वदेशी' हथियार सिस्टम जैसे ब्रह्मोस,आकाश और एंटी-ड्रोन सिस्टम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पाकिस्तान को उनकी क्षमताओं का कोई आकलन नहीं था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुश्मन को भारत की क्षमताओं से बहुत डरना चाहिए. उन्होंने कहा,ये पहली बार है जब भारत में बने हाथियारों का इस्तेमाल हुआ है,इस पर गर्व है. पहली बार 'आकाश' का इस्तेमाल किया और इसने बेहद अच्छा काम किया. पाकिस्तान को इसने करारा जवाब दिया. हम सभी खुश हैं क्योंकि देश में बने इन हाथियारों ने इतना अच्छा काम किया.
बता देंजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 अप्रैल को ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए.‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत बहावलपुर को भी निशाना बनाया गया,जिसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ माना जाता है. इस कार्रवाई का जवाब देने के लिएपाकिस्तान नेभारतीय शहरों को निशाना बनाने की कोशिशों की थी. सूत्रों के अनुसार इसे नाकाम करने के लिए भारत ने बराक-8 मिसाइल,एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली,सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल और स्वदेश विकसित ड्रोन रोधी उपकरण का इस्तेमाल किया था.
सूत्रों के अनुसार"ऑपरेशन सिंदूर' के जरिये 2021 में ऑर्डर किए गए और भारत में निर्मित ‘आत्मघाती ड्रोन' को भी पहली बार संघर्ष में आजमाया गया. इन ड्रोन ने विभिन्न क्षेत्रों में एक साथ सटीक हमले किए,जिससे पाकिस्तान के सुरक्षा बल हैरान रह गए.”
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