पहलगाम हमले को लेकर झूठ फैलाने में जुटा है पाकिस्तान
पहलगाम आतंकी हमल को हुए अभी 50 घंटे भी नहीं हुए हैं और पाकिस्तान इसे लेकर भी से अपना नैरेटिव सेट करने में जुट गया है. पाकिस्तान हर संभव कोशिश कर रहा है कि वह इस आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर झूठ को जोर-शोर से फैला सके. पाकिस्तान के इस झूठ को बढ़चढ़कर फैलाने में उसकी खूफिया एजेंसियां भी उसका साथ दे रही हैं. खास बात ये है कि पाकिस्तान की इस घिनौनी हरकत का खुलासा खुस पाकिस्तानी पत्रकार ने किया है.पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार वजाहत सईद खान ने ख़ुलासा किया है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमलों को पाकिस्तान जानबूझकर झूठ फैलाने की कोशिश में जुटा है. पाकिस्तान इस आतंकी हमले को भारत का फाल्स फ़्लैग ऑपरेशन बताने के लिए पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसियां फ़र्ज़ी सवाल सोशल मीडिया और अपने पत्रकारों से टीवी पर उठवा रही हैं.
अपने ब्लॉग में उन्होंने एक ईमेल और मैसेज दिखाते बताया कि इस तरह के सवाल और कंटेंट बनाकर पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसियाँ अपने पत्रकार और सोशल मीडिया इन्फ्लैंसर को भेज रही हैं. पाकिस्तान अपने झूठ को सच बताने के लिए बेतुके और बेबुनियाद सवाल खड़े कर रहा है. जिसे सुनकर आपको भी हंसी आ जाएगी. मसलन,पाकिस्तान की सोशल मीडिया और बिकाऊ पत्रकारों की मदद से सवाल उठा रहा है कि आखिर नेवी आफिसर की डेडबॉडी के क़रीब ख़ून क्यों नहीं है.
अगर इस हमले में 26 लोग मारे गए हैं तो फिर उनकी लाशें कहां है? पहलगाम में हमले की टाइमिंग से ही भारतीय मीडिया पाकिस्तान को दोष देना शुरू हो गई?वीवीआईपी का दौरा क्यों जम्मू का रद्द कर दिया गया था? सिंधु नदी संधी को ख़त्म करने की बात पहले से भारत कह रहा था .खुद हमला करवा कर उसे इस समझौते से निकलने का बहाना मिल गया. पहलगाम बार्डर से क़रीब सौ किमी दूर है आतंकियों का कोई सुराग क्यों नहीं लगा.
बाक़ायदा पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इस तरह के नरेटिव गढ़ने के लिए सोशल मीडिया के अपने फर्जी अकाउंट और व्यक्तिगत तौर पर पत्रकारों को मेल और मैसेज भेज रही है. लेकिन वजाहत सईद ख़ान इस बात का अपने ब्लॉग में जवाब देते हैं कि अब वो ज़माना नहीं रह गया कि आप इस तरह का झूठा नरेटिव गढ़े. इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसियां किस तरह से सोशल मीडिया पर इस हमले को लेकर झूठ फैलाने की कोशिश कर रही है.
हमारी क्यूरेट की गई सामग्री का अन्वेषण करें, ग्राउंडब्रेकिंग नवाचारों के बारे में सूचित रहें, और विज्ञान और तकनीक के भविष्य में यात्रा करें।
© प्रौद्योगिकी सुर्खियाँ
गोपनीयता नीति