इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने चेताया है कि ITR में फ़र्ज़ी दावे करना न सिर्फ़ नाजायज़ है,बल्कि क़ानूनी रूप से दंडनीय अपराध भी है...
नई दिल्ली:
आज 31 जुलाई है,और उन सभी लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख (Last Date to file Income Tax Return) है,जिनका ऑडिट नहीं होता है. इसकी जद में सभी नौकरीपेशा लोग आ जाते हैं. आखिरी तारीख से पहले ही लगभग 6 करोड़ ITR फ़ाइल हो चुके हैं,लेकिन हड़बड़ी या जल्दबाज़ी में भी कुछ करदाता (टैक्सपेयर) टैक्स बचाने की जुगत में कुछ बेईमानी कर रहे हैं,जिनके ख़िलाफ़ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने भी चेतावनी दी है.
आयकर विभाग,यानी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयरों को चेताया है कि टैक्स बचाने के उद्देश्य से ITR में फ़र्ज़ी दावे करना न सिर्फ़ नाजायज़ है,बल्कि क़ानूनी रूप से दंडनीय अपराध भी है,और ऐसा करने की वजह से न सिर्फ़ उनके रिफ़ंड या प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है,बल्कि करदाताओं को जुर्माना और कैद भी भुगतनी पड़ सकती है.
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सो,अब ध्यान रखें,इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ़-साफ़ कहा है,फ़र्ज़ी दावे करना न सिर्फ़ नैतिक रूप से गलत है,बल्कि क़ानूनन दंडनीय अपराध है,जिसके लिए जुर्माना और कैद हो सकती है. वैसे,फ़र्ज़ी दावों के कारण इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग में भी अतिरिक्त वक्त लगता है,जिसके चलते रिफ़ंड आदि में भी विलंब होता है.
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